.
उड़ीसा
उड़ीसा : ढिंकिया के ग्रामीणों पर पुलिस का कातिलाना हमला, 6 ग्रामीण गिरफ़्तार
ओड़िशा के ढिंकिया ग्रामीणों पर हो रहे अमानवीय हमलें बंद करो
नवीन पटनायक सरकार द्वारा जिंदल उत्कल स्टील परियोजना के माध्यम से हो रही संसाधन लूट बंद करो
सभी गिरफ्तार कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों को रिहा करो
14 जनवरी 2022 : हम अधोहस्ताक्षरी संगठन ढिंकिया गांव के निवासियों पर ओडिशा पुलिस द्वारा किए गए अमानवीय बर्बर हमले की कड़ी निंदा करते हैं। जैसा कीं…
और पढ़े...
ओडिसा : जबरन जमीन अधिग्रहण का विरोध कर रही आदिवासी महिला नेता को किया नज़रबंद
अनिल अंशुमन
ओडिशा प्रदेश स्थित सुंदरगढ़ में 23 अगस्त एक प्रकार से दुर्भाग्यपूर्ण और विडम्बना भरे दिन के रूप में!-->!-->!-->…
उड़ीसा : पुरी में हवाई अड्डा बनाने लिए पांच लाख से ज्यादा पेड़ काटे जाएंगे
-श्रीकांत मोहंती
उड़ीसा सरकार ने पुरी जिले के समुद्र तट से लगते सिपसरुबुली क्षेत्र में एक नया अंतरराष्ट्रीय हवाई…
उड़ीसा : देव माली पहाड़ के लोग क़रीब दो दशकों से कंपनियों और व्यवस्था के खिलाफ क्यों खड़े हैं
उड़ीसा के कोरापूट जिले के सिमलीगुड़ा तहसील में स्थित है विशाल देव माली पर्वत। देव माली पर्वत के स्थानीय आदिवासी पिछले दो दशक से बॉक्साइट खनन परियोजनाओं के खिलाफ संघर्ष कर रहे है. जब देश कोविड- 19 से जूझ रहा है तब भी ओडिशा के माली पहाड़ के लोग कंपनी और सरकार से जूझ रहे हैं. वे सरकार से पूछ रहे हैं कि महामारी में लोगों की आवाजाही तो प्रतिबंधित हो गई…
और पढ़े...
लॉकडाउन में वन कर्मियों का कारनामा : उड़ीसा में 32 आदिवासी परिवारों को किया बेघर
भुवनेश्वर/नई दिल्ली। पुरे देश में लॉकडाउन जारी है परंतु इसी लॉकडाउन के बीच 24 अप्रैल 2020 को उड़ीसा के कालाहांडी…
उड़ीसा : आदिवासियों के विरोधों के बावजूद अडानी का खनन कार्य जारी
उड़ीसा के मुंडा पाड़ा में दिसंबर 2019 में अडानी की कोयला खनन परियोजना के लिए तालाबीरा वन में 40,000 से अधिक पेड़ों…
पहले पास्को, अब जिंदल : ढिंकिया के ग्रामीण अब भी अपनी जमीन बचाने के लिए सघर्षरत
उड़ीसा 3 फरवरी 2020। पास्को विरोधी आंदोलन के सदस्य पोस्को से अपनी लड़ाई जितने के बाद फिलहाल जिंदल की जेएसडब्ल्यू कंपनी द्वारा प्रस्तावित पांच परियोजनाओं का विरोध कर रहे हैं। उनका दावा है कि जेएसडब्ल्यू द्वारा प्रस्तावित परियोजनाएं आवश्यक पर्यावरणीय मंजूरी के मानकों पर अधूरी हैं। सबरंग इंडिया से साभार रिपोर्ट जिसका हिंदी अनुवाद विभांशु केशव ने किया…
और पढ़े...
उड़ीसा : अडानी कोयला प्रोजेक्ट के लिए पुलिस ने जंगल को घेरा, 40 हजार पेड़ काटे गए
मुंबई के आरे के जंगलों के बाद अब उड़ीसा के संभलपुर में पेड़ों की कटाई का मामला सामने आया है. यहां भी जंगल के चारों…
NAPM के राष्ट्रीय सम्मेलन से उठी आवाज : जल-जंगल-ज़मीन हमारा, नहीं चलेगा राज तुम्हारा
जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय के बैनर तले चल रहे तीन दिवसीय जनसंघर्षों के राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन 24 नवम्बर 2019 को फासीवादी राज्य की राजनीतिक अर्थव्यवस्था: हमारे संसाधन, हमारा संविधान, हमारे संघर्ष; विभिन्न राज्यों द्वारा प्रमुख संघर्षों, मुद्दों और सांगठनिक प्रक्रिया पर प्रस्तुति और जन-आंदोलनकारी राजनीती द्वारा फासीवादी सत्ता को लगाम पर…
और पढ़े...