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विस्थापन विरोधी आंदोलन
छत्तीसगढ़ : स्पात प्लांटों के विस्तार के लिए नियम विरुद्ध कराई जा रही हैं जनसुनवाईयां
-राजेश त्रिपाठी
रायगढ़ के तराईमाल में 3 मार्च 2021 को एन.आर.टी.एम.टी. इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की जनसुनवाई आयोजित की गई. बंजारी मंदिर के मैदान में आयोजित मेसर्स एन.आर.टी.एम.टी. इंडिया प्राईवेट लिमिटेड़, सेक्टर – एल, ओपी जिंदल इंडस्ट्रीयल पार्क, पूंजीपथरा, ग्राम पंूजीपथरा तहसील घरघोड़ा जिला रायगढ़ स्थित प्लांट क्र. 211,213 एवं 212 के विस्तार के…
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‘विकास’ की वजह से विनाश की ओर जाता आदिवासी समुदाय : कान में तेल डालकर…
अब केवल विकास करते रहना ही जरूरी नहीं है, बल्कि अब विकास और विकास नीतियों की समीक्षा जरूरी है। 1986 मे संयुक्त…
सिमिलीपाल टाइगर रिजर्व : बाघों के संरक्षण के लिए आदिवासियों की बलि
सिमिलीपाल टाइगर रिजर्व से विस्थापित किए गए आदिवासियों के बीच बढ़ते असंतोष से अब बाघ संरक्षण और आदिवासियों के निवास…
मध्य प्रदेश : सरकारी उदासीनता से भूखे मरने पर मजबूर मछुआरे; मत्सय विभाग के आदेश के बाद भी बरगी बांध में मत्स्याखेट शुरू नहीं
भोपाल 2 जून 2020। कोविड-19 महामारी के कारण 24 मार्च की मध्य रात्रि से घोषित लाक डाउन के कारण मध्यप्रदेश के पुर्णकलिक लगभग 2 लाख 2 हजार मछुआरा सदस्यों के सामने आजीविका का संकट पैदा हो गया है और रोजगार नहीं होने के कारण उनके जिन्दगी पर विपरीत असर हो रहा है। मछुआरों की इस कमजोर आर्थिक स्थिति को देखते हुए मछुआ कल्याण एवं मत्सय विभाग मध्यप्रदेश ने 31…
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मध्य प्रदेश : बरगी बांध विस्थापित मत्स्य उत्पादन एवं विपणन सहकारी संघ ने लिखा…
मछुआरा को आर्थिक सहायता हेतु ज्ञापन
झारखण्ड : 23 बैठकों के बाद भी नहीं सुलझ सके डिमना बांध विस्थापितों के मुद्दे
सार्वजनिक इस्तेमाल के लिए लिए गए डिमना डैम की ज़मीन को टाटा कंपनी अपनी निजी जमीन की तरह मानती है। शहर को पीने का…
आदिवासियों की बेदखली का फरमान और जमीन की कारपोरेटी लूट
-सीमा आज़ाद
20 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में 13 फरवरी को दिया गया एक ऐसा फैसला जंगल में आग की तरह फैला, जिसने लोगों को स्तब्ध कर दिया। यह एक ऐसा फैसला था, जिसके सुनाये जाते समय पीड़ित पक्ष अदालत में मौजूद ही नहीं था। यह फैसला था- देश के 17 राज्यों के वन क्षेत्रों में बसे 10 लाख से ज्यादा आदिवासियों को 24 जुलाई 2019 के पहले उजाड़ने का। फैसले के अनुसार ये…
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अंग्रेजों से भी बेरहम साबित हुई भारत की न्यायपालिका
कुछ लोग इस भ्रम में रहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट या हमारी न्याय व्यवस्था भगवान शंकर के त्रिशूल पर बसी काशी नगरी जैसी…
माई लॉर्ड : जंगल नहीं छोड़ेंगे आदिवासी, प्रतिरोध की तैयारी
-पूजा सिंह
रायपुर/भोपाल. देश की सर्वोच्च अदालत के आदेश के बावजूद देश भर के जंगलों में सैकड़ों सालों से रहने वाले…
मोदी सरकार की उपेक्षा के कारण 20 लाख आदिवासी परिवारों के सामने पैदा हुआ अस्तित्व का संकट
केन्द्र की उदासीनता से आदिवासियों के अस्तित्व पर खतरा-रनसिंह परमार
केन्द्र की उपेक्षा के कारण आदिवासियों के आवासीय और आजीविका के अधिकार पर प्रश्न
ग्वालियर। केन्द्र सरकार की उपेक्षा के कारण 20 लाख आदिवासी परिवारों के समक्ष आवास और आजीविका का खतरा पैदा हो गया है। उक्त बात एकता परिषद के अध्यक्ष रन सिंह परमार ने ग्वालियर में आयोजित भूमि अधिकार की…
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