छत्तीसगढ़ : भिलाई स्टील प्लांट के निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन
सेल के अध्यक्ष के नाम दिये पत्र में कहा कारखाना नहीं चलाना है तब छत्तीसगढ़ियों की जमीन वापस करे
भूअर्जन अधिनियम के प्रावधान के अनुसार सरकार को भूमि अंतरित करने का अधिकार नहीं है
केंद्र सरकार विनिवेशीकरण और निजीकरण की नीति के अंतर्गत घाटे का बहाना लेकर सार्वजनिक क्षेत्र के भिलाई स्टील प्लांट को बेचने के फिराक में है छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच ने इसका कड़ा विरोध किया है और निजीकरण करने के खिलाफ आज दोपहर इक्यूपमेंट चौक में जबरदस्त प्रदर्शन किया, प्रदर्शनकारी स्वाभिमानी छत्तीसगढ़िया मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए किसानों की भूमि वापस करने की मांग कर रहे थे.
छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच की ओर से आई आर विभाग के महाप्रबंधक जे एन ठाकुर को सेल के अध्यक्ष के नाम मांगपत्र दिया गया, मंच के ग्यापन में कहा गया है कि भिलाई इस्पात संयंत्र की भूमि छत्तीसगढ़िया किसानों की है छत्तीसगढ़ियों के विकास और रोजगार का सपना दिखाकर और सरकारी क्षेत्र में कारखाना लगाने का भरोसा देकर किसानों की जमीन अर्जित की गई थी, सरकार को यदि कारखाना नहीं चलाना है तब न चलाये, स्ट्रक्चर सरकार की है चाहे जिसे बेच ले किंतु जमीन नहीं बेचने देंगे, भूअर्जन अधिनियम 1894 के प्रावधान का हवाला देते हुए कहा गया है कि सरकार को किसानों से अर्जित भूमि किसी अन्य को अंतरित करने का अधिकार नहीं है अत: सरकार छत्तीसगढ़िया किसानों को उनकी जमीन वापस करे, कारखाने का स्ट्रक्चर खरीदने वाली कंपनी चाहे तो आज का भाव देकर किसानों की जमीन खरीद सकती है.
मंच के ग्यापन में तत्कालीन मप्र शासन द्वारा 1958 में केंद्र सरकार को लिखे गये पत्र, सुप्रीम कोर्ट और छग हाईकोर्ट के न्याय निर्णयों और तत्कालीन मप्र सरकार द्वारा कंपनी को 1998 में लिखे पत्र का हवाला देते हुए कहा गया है कि यदि कंपनी को भूमि की आवश्यकता नहीं रह गई है तब किसी अन्य को अंतरित नहीं किया जा सकता बल्कि राज्य सरकार को वापस लौटाना होगा, छग राजस्व पुस्तक परिपत्र के 1 (7) में भी ऐसा ही प्रावधान है.
छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच ने केंद्र सरकार को आगाह किया है कि भिलाई इस्पात संयंत्र के निजीकरण करने की स्थिति में जमीन वापसी की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ियों द्वारा जबरदस्त आंदोलन किया जायेगा और भूअर्जन के समय मिले मुआवजे की राशि केंद्र सरकार को वापस करने का अभियान चलाया जायेगा, मंच ने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि इस मामले में हस्तक्षेप करे और राजस्व पुस्तक परिपत्र के प्रावधानों के अंतर्गत संयंत्र की भूमि केंद्र से वापस मांगकर किसानों को लौटाये.
आज के प्रदर्शन में राजकुमार गुप्त, रजा अहमद, पूरनलाल साहू, रउफ खान, अरूण सार्वा, मंगलूराम बघेल, भगतराम, रूपनारायण, भीमा साहू, अक्षय साहू, अनिल देशमुख, शुभम रजक, समारू, इमतु, पुरषोत्तम देवांगन, बुधुराम, चंद्रकांत, वी एल साहू, राम मारकण्डेय, मिलऊराम साहू, ढालेस साहू, नितिन गुप्ता, ललित साहू, इनो श्रीवास, गोलू साहू, बबलू रजक, तुकेश साहू, संदीप यादव, ओमप्रकाश साहू आदि शामिल थे.
-एड. राजकुमार गुप्त