मध्य प्रदेश : बीना बांध में 62 गांवों का डूबना तय मुख्यमंत्री ने रखी आधार शिला, विरोध में किसान महापंचायत
मध्य प्रदेश के रायसेन सागर जिले की सीमा पर प्रस्तावित बीना बांध का 62 गाँवों के निवासी शुरू से ही विरोध कर रहे है लेकिन 2 जुलाई को खुरई में शिवराज सिंह ने विरोध को नकारते हुए बीना बांध की आधार शिला के लिए भूमि पूजन किया। बीना बांध से रायसेन एवं सागर जिले के 62 गाँव डूब जायेंगे। डूब प्रभावित किसानों द्वारा आगामी रणनीति तय करने के लिए 10 जुलाई को में किसान महापंचायत बुलाई गई है। पेश है तुलाराम अथ्या की रिपोर्ट;
उल्लेखनीय है की मडिया बांध का 2 जुलाई को मुख्यमंत्री द्वारा खुरई में भूमि पूजन किये जाने के साथ ही इस परियोजना को लेकर सभी आशंकाओं का पटाक्षेप हो गया है। अब यह तय हो चुका है कि इस परियोजना में सागर जिले के 21 एवं रायसेन जिले के 41 गाँव के किसानों की हजारों एकड़ पीड़ियों पुरानी पुस्तैनी उपजाऊ सिंचित जमीन को डूबाया जा रहा है।
इस परियोजना से विस्थापित होने वाले किसानों के पुनर्वास का मुद्दा किसान संघर्ष समिति समय समय पर उठाती रही है। 17 जनवरी 2018 को नर्मदा बचाओ आन्दोलन की नेत्री मेधा पाटकर ,स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के अध्यक्ष एवं महाराष्ट्र के सांसद राजू शेट्टी, किसान संघर्ष समिति के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ.सुनीलम तथा राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के अध्यक्ष वी एम सिंह, ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर परियोजना प्रभावितों को पूरी स्थिति स्पष्ट करने को कहा था। ग्रामसभाओं को बिना विश्वास में लिए (बिना सहमति के) सरकार द्वारा की गई एकतरफा भू अर्जन की कार्यवाही को अलोकतांत्रिक-तानाशाहीपूर्ण बताते हुए प्रभावित ग्रामवासियों को सम्पूर्ण पुनर्वास के लिए सरकार द्वारा बनाई गई योजना की जानकारी सार्वजनिक करने को कहा था। मुख्यमंत्री से पूछा था कि गांधी सागर परियोजना, वरगी बांध, तवा परियोजना तथा सरदार सरोवर बांध के विस्थापितों का कई दशकों पहले भूअर्जन हो जाने के बावजूद आज तक संपूर्ण पुनर्वास नहीं किया गया है ऐसी स्थिति में बीना परियोजना प्रभावितों का पुनर्वास कैसे किया जायेगा। मुख्यमंत्री को लिखे गये पत्र का उन्होंने आज तक कोई जवाव नहीं दिया है।
डॉ.सुनीलम ने दो दिन सागर जिले के डूब प्रभावित ग्रामों का दौरा कर 17 अप्रेल 2018 को किसानों के प्रतिनिधि मंडल के साथ सागर कलेक्टर से मुलाकात कर बीना परियोजना को रद्द करने की मांग की थी। साथ ही सिलवानी विधानसभा क्षेत्र के विधायक एवं लोकनिर्माण मंत्री रामपालसिंह राजपूत को पत्र लिख कर किसानों के हित में परियोजना को रद्द करवाने अथवा डूब का क्षेत्र न्यूनतम करवाने तथा सरदार सरोवर की तरह पैकेज दिलाने के साथ ही डूब प्रभावितों के पुनर्वास के सम्बन्ध में अपना रूख स्पष्ट करने को कहा था । उनसे यह भी पूछा था की डूब क्षेत्र में 15 अप्रेल को 14 करोड़ की सड़क एवं 9 करोड़ की लागत के पुल का शिलान्यास करते हुए लोगों से कहा था की यह डूबने के लिए नहीं बनाये जा रहे है। अब इन्हीं कार्यों पर जल संसाधन विभाग ने रोक लगा दी है ।
बीना परियोजना डूब क्षेत्र के किसानों के पुनर्वास के संबंध में ग्राम खैजरा माफ़ी में 10 जुलाई को दोपहर 12 बजे बीना परियोजना डूब प्रभावित किसानों की किसान महापंचायत आयोजित की गई है। 11 जुलाई को बेगमगंज क्षेत्र के ग्राम बेरखेडी ब.ग.,सुमेर एवं बेगमगंज में परियोजना प्रभावित किसानों की बैठकें आयोजित की जा रही हैं। डूब प्रभावित किसान अभय पटेरिया, ओमप्रकश पटेरिया, शेरसिंह ठाकुर, नर्वदाप्रसाद आठिया (परासरी कलां), कृष्णकुमार दुबे, चन्द्रभूषण दुबे, रामजी यादव, (वेलई), रामकिसन गौर,प्रह्लाद पटेल,गोविन्द लोधी, जीवन कुशवाहा, निरपत प्रजापति, अशोकुमार आठिया(चादामऊ), कुबेरसिंह कुर्मी राजेश लोधी, काशीराम अहिरवार, (परासरी खुर्द), बलराम तिवारी, बृजकिशोर तिवारी,रंजीतसिंह लोधी, जाहिद अली (झिरिया ब.ग.) आरिफ अली काकरूआ, जगदीशप्रसाद अहिरवार खजुरिया ब.ग. बलदार खां शेख शरीफ बेरखेडी, अजीज खां, रेहान भाई, पार्षद मुन्ना अली दाना, मंडी सदस्य निर्भय सिंह बेगमगंज ने अधिक से अधिक संख्या में किसानों से भाग लेने की अपील की है।