उत्तर प्रदेश : योगी राज में 45 दिन से अनशन पर बैठे किसान की मौत
उत्तर प्रदेश, महोबा 25 अगस्त 2018। 45 दिन से चल रहे बुन्देलखण्ड किसान यूनियन (बुकियू) के बैनर तले चल रहे अनिश्चितकालीन अनशन के बावजूद किसानों की मांगों पर प्रशासनिक मशीनरी आंखें बंद किए है। 23 अगस्त 2018 की रात अनशन में डटे मइयादीन किसान की मौत हो गई जबकि मथुरा कुशवाहा व हीरालाल की हालत बिगड़ गई। साथी की मौत पर आक्रोशित किसानों ने ऐलान किया कि वह चार गुना मुआवजा लेकर ही अब यहां से हटेंगे।
अर्जुन सहायक परियोजना के लिए कबरई क्षेत्र के कई गांवों के किसानों की भूमि अधिग्रहित की गई थी। सिंचाई विभाग ने वायदा किया था उस समय मिलने वाला मुआवजा किसान ले लें, आगे सर्किल बढ़ा तो मुआवजा भी बढ़ कर मिल जाएगा। बाद में अफसर अपने वायदे से मुकर गए, इस पर 11 जुलाई से किसानों ने बुकियू के जिलाध्यक्ष निरंजन सिंह के नेतृत्व में आम्बेडकर पार्क में अनिश्चितकालीन अनशन शुरू कर दिया।
सैकड़ों की संख्या में महिला एवं पुरुष बारिश में तंबू लगाकर आवाज बुलंद कर रहे हैं, लेकिन प्रशासनिक मशीनरी ने अभी तक ध्यान नहीं दिया है। गुरुवार रात कबरई के गांधीनगर निवासी मइयादीन की हालत बिगड़ गई। जिला अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनका दम निकल गया। इसके बाद मथुरा कुशवाहा व हीरालाल की हालत बिगड़ी तो पुलिस ने उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया।
किसानों के प्रतिनिधि मंडल से वार्ता की गई है। मुआवजा बढ़ाने की मांग से शासन को अवगत करा अतिशीघ्र बढ़ा मुआवजा दिलाए जाने की कोशिश होगी। तब तक अनशन खत्म करने की अपील की जा रही है। -राजेश यादव, एसडीएम सदर
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