बांध विस्थापितों को ब्याज सहित पुनर्वास अनुदान राशि लौटाए मध्य प्रदेश सरकार : सर्वोच्च न्यायालय
मध्य प्रदेश के इंदिरासागर और ओम्कारेश्वर बांध विस्थापितों को दो दशक बाद सर्वोच्च न्यायालय से न्याय मिला है। सर्वोच्च न्यायालय ने 21 अगस्त 2018 को एक महत्वपूर्ण फैसले में इंदिरासागर और ओम्कारेश्वर बांधो के विषय में राज्य सरकार व् NHDC द्वारा दायर याचिका को रद्द करते हुए कहा कि बांध विस्थापितों को ब्याज सहित पुनर्वास अनुदान राशि लौटाए मध्य प्रदेश सरकार। हम यहां आपके साथ नर्मदा बचाओ आंदोलन की यह प्रेस विज्ञप्ति साझा कर रहे हैं;
सर्वोच्च न्यायालय ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में इंदिरासागर और ओम्कारेश्वर बांधो के विषय में दिए गए अपने आदेश के विषय में राज्य सरकार व् NHDC द्वारा दायर याचिका को रद्द कर दिया है. अतः अब स्पष्ट है कि राज्य सरकार व NHDC विस्थापिरतों के बढ़े हुए मुआवजे से विशेष पुनर्वास अनुदान (SRG) काट नहीं सकेंगे. नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री चित्तरूपा पालित ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि इस फैसले से हजारों विस्थापितों को न्याय मिला है और इन विस्थापितों को करोड़ो रूपये का लाभ मिलेगा.
क्या है मामला
उल्लेखनीय है की ओम्कारेश्वर, इंदिरा सागर आदि बांधो के विस्थापितों को दिए जाने वाला मुआवजा बहुत कम होने के कारण विस्थापितों द्वारा लड़ाई लड़ी गयी और परिणामस्वरूप राज्य सरकार द्वारा एक विशेष पुनर्वास अनुदान, मुआवजे के अतिरिक्त देने का निर्णय लिया गया था. परंतु बाद में विस्थापितों का मुआवजा यदि न्यायालय द्वारा बढ़ाया जाता था तो सरकार द्वारा इस विशेष पुनर्वास अनुदान को इस बढ़ी हुई राशि मे से काटा जा रहा था. इस करवाई के खिलाफ विस्थापितों के द्वारा उच्च न्यायालय में अपील किये जाने पर उच्च न्यायालय द्वारा अपने आदेश दिनांक 27/01/12 द्वारा सरकार व NHDC के पक्ष को सही ठहराया था।
इस आदेश के खिलाफ नर्मदा बचाओ आन्दोलन की नेत्री सुश्री चित्तरूपा पालित द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में अपील दायर करवाई गई. इस अपील पर फैसला देते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने अपने फैसले दिनांक 9 अगस्त 2016 में कहा कि, “सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 5 मई 2011 को नर्मदा बचाओ आन्दोलन के केस में दिए गए फैसले से साफ है की विशेष पुनर्वास अनुदान मुआवजे से अलग है” और इस प्रकार हाई कोर्ट के फैसले को पलटते हुए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आदेश दिया गया कि मुआवजे की बढ़ी हुई राशि से विशेष पुनर्वास अनुदान नहीं काटा जाएगा ।
इसके बाद राज्य सरकार व NHDC ने विस्थापितों को पैसा न देते हुए, इस फैसले की स्पष्टता के लिए पुनः सर्वोच्च न्यायालय में एक अर्जी दाखिल की, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश श्री रंजन गोगोई, श्री नवीन सिन्हा और श्री के एम् जोसेफ ने कल इस अर्जी को खारिज करते हुए अपने फैसले को यथावत रखा है, इस प्रकार हजारों विस्थापितों को विशेष पुनर्वास अनुदान की कटी हुई राशि वापस मिलेगी एवं भविष्य में विषेश पुनर्वास अनुदान को मुआवजे की राशि से नहीं काटा जाएगा ।
सर्वोच्च न्यायालय में विस्थापितों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता श्री संजय पारीख ने रखा.
नर्मदा आन्दोलन इस फैसले का स्वागत करता है, और हर विस्थापित उसका पूरा अधिकार मिलने तक यह संघर्ष जारी रहेगा.