सबसे ज्यादा काम, सबसे कम दाम और सबसे कम सुरक्षा ये है महिला कामगारों की स्थिति : कविता कृष्णन
‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'श्रमेव जयते' नारे का पर्याय है- श्रम का सम्मान नहीं, श्रम की पहचान नहीं। दरअसल मोदी का 'मेक इन इण्डिया' और 'श्रमेव जयते' श्रम कानूनों को कमजोर करके श्रम के शोषण के लिये ताले खोलने का अभियान है जिससे काॅरपोरेट मनमाने तरीके से श्रम की लूट कर सकें। 'अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन' (एपवा) की राष्ट्रीय सचिव कविता…
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अखिल भारत शिक्षा संघर्ष यात्रा-2014 : रैली व भोपाल महा-पड़ाव से एकजुट संघर्ष की…
शिक्षा के निजीकरण, बाज़ारीकरण व सांप्रदायीकरण के खिलाफ़ और ‘केजी से पीजी तक’ पूरी तरह मुफ़्त व सरकार द्वारा…
भाटी माईनस विस्थापित मांगेंगे आपना हक़ : 15 दिसम्बर 2014 को जंतर मंतर पर प्रदर्शन
जो ज़मीन सरकारी है वो ज़मीन हमारी है, जल-जंगल और ज़मीन ये हों जनता के अधीन
पिछले 50 साल से जारी शोषण…
भोपाल गैस त्रासदी : और हमें देखते रहे !
आज 3 दिसम्बर को भोपाल गैस त्रासदी को 30 साल हो रहे हैं. 3 दिसम्बर 1984 भारतीय इतिहास का बहुत ही दुखद दिन है – जब भोपाल दुनिया की सबसे बड़ी औद्योगिकीय त्रासदी का साक्षी बना जिसमें तक़रीबन 20,000 लोगों की मौत हुई और हजारों लोग घायल हुए. इस खतरनाक गैस के लीक होने से करीब पांच लाख से ज्यादा की आबादी प्रभावित हुई और इस घटना के कारण उनतीस साल बाद भी…
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महान संघर्ष समिति ने दिल्ली में कहा अबकी बार हमारा अधिकार
दिल्ली के जंतर-मंतर पर आयोजित महारैली में समिति ने लिया हिस्सा
नई दिल्ली। 2 दिसंबर, 2014। देश भर…
कारपोरेट-राज के खिलाफ साझी लड़ाई के सिवा रास्ता नहीं: ढिंकिया राष्ट्रीय सम्मलेन में…
ओडिशा केजगतसिंहपुर जिले के ढिंकिया गाँव में देशभर के ज़मीनी जनांदोलन अपनी चुनौतियों और आगे की रणनीति पर चर्चा…
पोस्को विरोधी आंदोलन के समर्थन में तथा गैर-कानूनी खदानों की सी बी आई जांच की मांग पर प्रस्ताव
मौजूदा समय में पोस्को प्रतिरोध संग्राम समिति के नेतृत्व में विगत दस सालों से ओडिशा के जगतसिंहपुर जिले में ढिंकिया चारादेस इलाके में जारी जनसंघर्ष कारपोरेट लूट के खिलाफ लड़ाई का एक ज्वलंत प्रतीक है. उसी धिनकिया की संग्रामी भूमि पर 29-30 नवम्बर 2014 तक आयोजित जल, जंगल, जमीन और जीविका के हक़ के लिए लोकतंत्र की रक्षा में जनसंघर्षों का राष्ट्रीय…
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बिहार में निर्णायक संघर्ष का आगाज़: जहां गंगा सफाई न्याय और लोकतंत्र का मुद्दा है
गोमुख से लेकर गंगासागर तक 2525 किलोमीटर के नदीपथ के दोनों ओर स्थित जनपदों की जलदात्री एवं पवित्र जलवाली गंगा का…
न्याय, शांति और सम्मान के लिए आदिवासी अधिकार पद यात्रा 20 नवम्बर 2014 से
आदिवासियों से जुड़े मसले की जांच के लिए स्वतंत्र समिति बने
लगभग 3 लाख फर्जी प्रकरण आदिवासियों के खिलाफ दर्ज…
कोईलवर : जहरीले कचरे के कारखाने के खिलाफ ग्रामीण जनता एकजुट
गुजारी 16 अक्टूबर 2014 को बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अम्बिका शरण उच्च विद्यालय, जमालपुर में राम्के कंपनी द्वारा प्रस्तावित खतरनाक कचड़ा जलाने वाले कारखाने के पर्यावरणीय प्रभाव पर जन सुनवाई का आयोजन किया गया। ज्ञात रहे कि आरा जिले के कोईलवर क्षेत्र में सोन नदी के किनारे प्रस्तावित कारखाने में बिहार के 18 जिलों के 99 कारखानों के 50 हजार…
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