संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

नवलगढ़ के 16 गांवों में तीन सीमेंट इकाईयां लगाने संबंधी करार (एम.ओ.यू.) को रद्द करने की मांग के समर्थन में

5-6 नवंबर, 2011 को नवलगढ़ में शहीद भगतसिंह पुस्तकालय के सामने भूमि अधिग्रहण, विस्थापन व राजकीय दमन के खिलाफ दो दिवसीय किसान सम्मेलन हुआ जिसमें राजस्थान के अलावा अन्य राज्यों से किसान-मजदूर संगठनों एवं नागरिक अधिकार संगठनों के प्रतिनिधियों ने सक्रिय भागीदारी की। सम्मेलन के दौरान सीमेंट फैक्ट्रियों के लिए नवलगढ़ के 18 गांवों में जबरन भूमि…
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करछना पावर प्लांट के विरोध में भूमि रक्षा हेतु संघर्ष: जोर आजमाइश जारी

पुलिस का फ्लैग मार्च: हवाई फायरिंग और मारपीट से भड़के किसान, अनशनकारियों को पीटा गया, पुलिस ने गांवों में घुसकर…

जहरीला पानी पीने से 15 दिन में 18 बच्चों की मौत जनसंघर्ष मोर्चा करेगा संघर्ष

मिर्जापुर, सोनभद्र, ओबरा, चुर्क आदि स्थानों पर विस्थापन पलायन की समस्या और गंभीर तो होती ही जा रही है, कनहर बांध परियोजना की तलवार भी दर्जनों गांवों पर लटकी है, परंतु पर्यावरण विनाश तथा जलस्रोतों के जहरीले होते जाने की समस्या से भी लोग अपनी जीवन लीला से वंचित होते जा रहे हैं। र्वा 2011 के नवंबर माह के शुरूआती 15 दिनों में 18 बच्चों की मौत की बात…
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‘गंगा एक्सप्रैस वे’ एवं ‘भूमि अधिग्रहण’ के खिलाफ 30 अक्टूबर से 16 नवम्बर तक ‘किसान…

उ. प्र. के किसानों ने अपनी जीविका, कृषि, भूमि की रक्षा के लिए जारी अपने संघर्ष को तेज करते हुए ‘गंगा एक्सप्रेस…

पेंच-अदानी परियोजना रद्द करने की मांग को लेकर किसानों ने विधानसभा पर प्रदर्शन कर गिरतारियां दीं

24 नवंबर को म. प्र. विधानसभा के समक्ष किसान संघर्ष समिति के बैनर तले प्रदेश भर से आये किसानों ने ‘बिजली कटौती बंद करो’, ‘खाद की कालाबाजारी बन्द करो’, ‘भू-अर्जन कार्यवाही बन्द करो’, ‘पेंच-अदानी परियोजना रद्द करो’, ‘जमीन हमारी आपकी, नहीं किसी के बाप की’ के नारे लगाते हुए शाहजहांनी पार्क से जुलूस निकाल कर विधानसभा पर प्रदर्शन किया। लिली…
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सजा ली चिता, अब ज़मीन लेंगे या जान देंगे

कटनी के विजय राघवगढ़ एवं बरही तहसीलों के दो गांवों डोकरिया और बुजबुजा के किसानों की दो फसली खेतिहर ज़मीनें वेलस्पन…

बदला नहीं जा सकता अधिग्रहीत जमीन का प्रयोजन : सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी है कि सरकार या उसके संस्थानों द्वारा सार्वजनिक प्रयोजन के लिए अधिग्रहित जमीन का मकसद नहीं बदला जा सकता। साथ ही इसे गैर-सरकारी लोगों या कॉर्पोरेट निकायों को नहीं दिया जा सकता है। जस्टिस जी.एस. सिंघवी तथा सुधांशु ज्योति मुखोपाध्याय की बेंच ने ये टिप्पणियां कीं। जस्टिस सिंघवी ने फैसला लिखते हुए कहा कि सरकार को सार्वजनिक…
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