’मांगोगे पानी खाओगे गोली’- महाराष्ट्र सरकार
महाराष्ट्र पुलिस द्वारा 18 अप्रैल 2011 को जैतापुर परमाणु प्लांट का विरोध कर रहे लोगों पर फायरिंग का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि मावल में चार माह बाद ही एक बार फिर महाराष्ट्र पुलिस ने अपनी जमीन बचा रहे 4 किसानों की गोली मार कर हत्या कर दी। यह किसान पवना बांध से सिंचाई के लिए पानी की मांग कर रहे थे।
सरकारें किसानों को अन्नदाता-भूमिपुत्र कहकर…
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किसान पंचायत का ऐलान: उद्योग नहीं कृषि चाहिए
नागपुर से करीब डेढ़ सौ किलामीटर दूर छिंदवाड़ा जिले के आदिवासी अंचल में बुधवार को पांच राज्यों के किसान संगठनों के…
कृषि, भूमि नीति के सवाल पर विचार-विमर्श
22 एवं 23 अगस्त, 2011 को इन्दौर (म. प्र.) में भूमि की लूट के सवाल पर सामाजिक संगठनों, स्थानीय जन संघर्षों के साथ…
आदिवासियों को हथियार थमाना असंवैधानिक : सुप्रीम कोर्ट
देश की शीर्ष अदालत ने माओवादियो के खिलाफ लड़ाई में सलवा जुडूम जैसे समूहों को तैनात करने की आलोचना की है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और छत्तीसगढ़ सरकारों से कहा कि वे विशेष पुलिस अधिकारियों (एसीओ) के नाम पर आदिवासियों को हथियारबंद करने से परहेज करें। इस तरह एसपीओ की नियुक्ति को अदालत ने असंवैधानिक बताया। शीर्ष अदालत ने इस साल मार्च में सामाजिक…
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गंगा एक्सप्रेस-वे तथा भूमि अधिग्रहण का विरोध तेज़ : किसान करेंगे बलिया से नोएडा तक…
20 अगस्त 2011 को इलाहाबाद में एक बैठक हुई जिसमें उ. प्र. में गंगा एक्सप्रेस-वे और अन्य परियोजनाओं के लिये हो रहे…
मारूति-सुजुकी कारखाना (मानेसर) की तालाबंदी तथा मजदूरों के दमन के विरूद्ध : हरियाणा…
मजदूर एकता समिति की तरफ से 22 सितंबर 2011 को दिल्ली स्थित हरियाणा भवन पर आयोजित प्रदर्शन में आई.सी.टी.यू., इक्टू,…
परमाणु ऊर्जा संयंत्र विरोधी संघर्ष : एक साथी और शहीद
सितंबर 2011 माह की शुरूआत में हरियाणा के गोरखपुर में प्रस्तावित परमाणु ऊर्जा संयंत्र परियोजना के खिलाफ लड़ रहे किसानों को जब अपने साथी ईश्वर सिंह सिवाच (62 वर्ष) की हृदय आघात से हुई मौत का पता चला तो उन्होंने यह पहचानने में कोई गलती नहीं की कि यह मौत उनके संघर्ष की तीसरी आहुति है। ईश्वर सिंह सिवाच, राम कुमार और भागु राम फतेहाबाद जिला मुख्यालय के…
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पोस्को, वेदांत, टाटा की तर्ज पर अल्टाट्रेक कम्पनी भी
समाज सेवा का ढोंग
राजस्थान के झुंझुनूं जिले के नवलगढ़ क्षेत्र के खिरोड़ के पास भामू की ढाणी में स्थित स्व.…
राजस्थान में चल रहे जमीन अधिग्रहण विरोधी जन आन्दोलनों पर एक नजर
दो जिलों की 72 हजार बीघा जमीन पर टिकी सीमेंट फैक्ट्रियों की नजरः
झुंझुनूं जिले के नवलगढ़ और सीकर जिले के बेरी…
खेती, ज़िंदगी और जमीन बचाने की जंग
किसानों ने भूमि अधिग्रहण के विरोध में घंटों जाम किया जयपुर-लुहारू हाईवे
नवलगढ़ में पिछले एक वर्ष से किसान भूमि अधिग्रहण के विरोध में धरने पर बैठे है। यह किसान अपनी उपजाऊ भूमि किसी भी कीमत पर सीमेंट कंपनियों को देने के लिए तैयार नहीं हैं। किसानों में सरकार के खिलाफ आक्रोश बढ़ता जा रहा है क्योंकि किसानों के 328 दिन के आंदोलन के बावजूद सरकार…
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