नीम का थाना क्षेत्र में जारी है जनसंघर्ष
राजस्थान व हरियाणा की सीमा पर अरावली पवर्तमालाओं के पहाड़ी क्षेत्र में नीम का थाना व उसके आस-पास कई गांव बसे हुए हैं। यह इलाका पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण राजस्थान व हरियाणा के खान माफिया द्वारा पिछले कई सालों से अवैध खनन का शिकार है। यह अवैध खनन पुलिस प्रशासन व कांग्रेस-भाजपा के नेताओं की मिलीभगत से हो रहा है।
इसी अवैध खनन के चलते पूरे…
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गंगा एक्सप्रेस-वे एवं भूमि अधिग्रहण क्यों और किसके हित में
9-10 अप्रैल 2011 को कृषि-भूमि बचाओ मोर्चा, उ. प्र. के तत्वावधान में सर्व सेवा संघ, राजघाट, वाराणसी, उ. प्र. में दो…
उत्तर प्रदेश की भूमि अधिग्रहण की नयी नीति
भूमि अधिग्रहण का विरोध कर रहे किसानों पर गोलियां चलवाने तथा दिसंबर 2009 से जुलाई 2011 के बीच 6 बड़े-बड़े…
करछना के किसानों पर जारी है दमन
करछना (इलाहाबाद) के किसानों की जमीन छीनने पर आमादा प्रशासन अब फर्जी चौपालों का सहारा ले रहा है। प्रशासन द्वारा किसानों के साथ लिखित समझौता करने वाले जिलाधिकारी संजय प्रसाद का स्थानान्तरण कर दिया गया। उनके स्थान पर आये जिलाधिकारी आलोक कुमार अब न केवल समझौता मानने से इन्कार कर रहे हैं बल्कि अपने मातहत कार्यरत एडीएम चिन्कूराम के साथ धमकी देने के…
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जारी है भूमि-अधिग्रहण के खिलाफ संघर्षरत किसानों पर बर्बर दमन
उत्तर प्रदेश में भूमि-अधिग्रहण के मुद्दे पर किसानों तथा प्रशासन के टकराव की हिंसक घटनायें राज्य सरकार तथा केन्द्रीय…
तीखे विरोध के चलते प्रशासन को स्थगित करनी पड़ी जनसुनवाई
सतलुज जल विद्युत निगम के महत्वाकांक्षी लुहरी प्रोजेक्ट को स्थानीय लोगों के घनघोर विरोध का सामना करना पड़ रहा है।…
‘भूमि अधिग्रहण’ की समस्या पर ‘विचार-विमर्श’
साझी पहल का फैसला: संसद पर प्रदर्शन का निर्णय !
जन संघर्ष समन्वय समिति का गठन
‘भूमि अधिग्रहण’ की समस्या पर विभिन्न जन संघर्षों के प्रतिनिधियों के साथ एक विचार-विमर्श का आयोजन 3 से 4 जून 2011 को गढ़वाल भवन, नयी दिल्ली में आयोजित किया गया। इस विचार-विमर्श में छत्तीसगढ़, उड़ीसा, झारखंड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, तथा हरियाणा में…
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भूमि-अधिग्रहण के खिलाफ संयुक्त बैठक : दिल्ली चलो का ऐलान
बीजू भवन, श्यामचरनपुर, ढेंकनाल में 18-19 जुलाई 2011 को उड़ीसा के विभिन्न जन संघर्षों के प्रतिनिधियों का दो दिवसीय…
पोस्को कम्पनी को दी गयी वनभूमि के इस्तेमाल की इजाजत
पोस्को को हरी झण्डी: मामला आर्थिक-प्रौद्योगिकी-सामरिक महत्व का या कुछ और ?
फैसले का आधार देश में मौजूद…
महिला कामगारों के संघर्ष
जहां एक तरफ स्वयं सहायता समूह के जाल में फंसी तथा कर्ज से कराहती महिलायें आत्महत्या करने को विवश हो रही हैं वहीं उत्तर प्रदेश राज्य के कानपुर तथा राजस्थान राज्य के जयपुर शहरों में घरों में काम करने वाली महिलायें अपनी एकता एवं जागरूकता के बल पर अपने आपको एक बेहतर कल के लिए तैयार कर रही हैं।
कानपुर शहर पिछले समय में अवसाद एवं निराशा से ग्रस्त…
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