गोरखपुर में प्रस्तावित परमाणु ऊर्जा संयन्त्र के खिलाफ संघर्षरत किसान
भारत में साफ, सुरक्षित एवं सस्ती तथा समुचित बिजली आपूर्ति की बातें जोरशोर से सरकार तथा तंत्र द्वारा प्रचारित करते हुए यह कहा जा रहा है कि इस जरूरत को पूरा करने के लिए 40 नये परमाणु संयंत्रों को स्थापित करने की जरूरत है। इन प्रस्तावित परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में से एक हरियाणा के फतेहाबाद जिले के गौरखपुर गाँव में प्रस्तावित है।
आज से कई साल पहले इस…
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हिमाचल हाईकोर्ट की ग्रीन बैंच ने सुंदरनगर सीमेंट प्लांट रद्द किया
दिनांक 13 दिसंबर 2010 को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के स्पेशल हरित बैंच ने सुंदरनगर सीमेंट प्लांट जिला मंडी की पर्यावरण…
रेणुका बांध के खिलाफ संघर्ष जारी है. . . .
दिनांक 15 दिसंबर 2010 को हिमाचल प्रदेश के रेणुका, सिरमौर में जबरदस्ती भू-अधिग्रहण के खिलाफ स्थानीय लोगों के विरोध…
निरमा सीमेंट प्लांट विरोधी संघर्ष
महुआ क्षेत्र 1998 तक सौराष्ट्र का कश्मीर हुआ करता था वहां अधिकतर सभी फसलें हुआ करती थीं। आज भी महुआ की सब्ज़ी बम्बई जाती है। ऐसी धरती पर निरमा के किशनभाई पटेल ने एक सीमेंट प्लाट लगाने का प्रपोज़ल गुजरात सरकार को 2003 के ‘ग्लोबल समीट’ में दिया। किसानों ने साफ तौर पर कहा कि यह ज़मीन उपजाऊ है, हम यह ज़मीन किसी भी कीमत पर नहीं देंगे। पिछले करीब 2 साल…
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राष्ट्रीय सम्मेलन : जनआंदोलनों का दमन
इंडियन सोशल एक्शन फोरम (इंसाफ) द्वारा 8 एवं 9 दिसंबर 2010 को राजेन्द्र भवन, नयी दिल्ली में ‘जन आंदोलनों के दमन’…
राष्ट्रीय सम्मेलन : परमाणु हथियार मुक्त दुनिया की ओर
परमाणु निःशस्त्रीकरण एवं शांति गठबंधन (सी.एन.डी.पी.) की तरफ से अपनी स्थापना की 10वीं वर्षगांठ के मौके पर 10 से…
बलात कब्जायी जमीनें, अपनाया साम-दाम-दण्ड-भेद का आजमाया तरीका! सरकार एवं कम्पनियों का विकास को तेज करने का नया अंदाज़ !!
छत्तीसगढ़ राज्य में 69000 एकड़ जमीन (जो कृषि भूमि है) को गैर कृषि कार्यों हेतु स्थानांतरित कर दिया गया। सड़क के किनारे की लगभग सारी की सारी जमीनों का मालिकाना अब किसानों का नहीं रह गया है। आज किसानों की भूमि हड़पने की तिकड़म अपने शबाब पर है। आज छत्तीसगढ़ में भूमि हड़पने की साजिशें सबसे बड़ी चुनौती है।
रायगढ़ जनपद की रायगढ़, तमनार एवं घरघोड़ा…
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कार्यवाहियाँ पूर्व निर्धारित फिर भी जारी है जन सुनवाइयों की नौटंकी
पर्यावरण विभाग की जांच संदेह के घेरे में। कोल वाशरी की बोलती तस्वीरें।
मामला ‘‘जिंदल कोल वाशरी’’ जन सुनवाई का…
सम्पादकीय, दिसंबर 2010
भारत में पहला निजी बंदरगाह बनाने के लिए जिस प्रकार पोस्को कम्पनी को पारादीप में इजाजत दी गयी है उसी तरह से भारत…
पॉवर प्लांट से विस्थापित एक गांव की कहानी
मुआवजा मिल गया, खर्च भी हो गया अब क्या करें ?
टिहरी गढ़वाल जनपद के मुनेठ गांव की हकीकत विस्थापन की त्रासदी और विकास के दावों की असलियत बयाँ करती है। यह गांव कोटली भेल 1 अ परियोजना के अन्तर्गत विस्थापित किये गये गांवों में से एक है। इस परियोजना के तहत 195 मेगावाट बिजली उत्पादित करने का लक्ष्य रखा गया है। इस परियोजना के तहत 11 गांवों की 19589…
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