झारखण्ड : आदिवासियों ने मानव श्रृंखला बनाकर भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल का किया विरोध
झारखण्ड, रांची 15 जुलाई 2018। जोहार रांची ने फेसबुक पोस्ट के जरिये बयान जारी किया है कि भूमि अधिग्रहण बिल में संशोधन के खिलाफ झारखंड की राजधानी रांची में आदिवासी और ईसाई समुदाय के लोगों ने रविवार को मानव शृंखला बनायी. इसमें अलग-अलग इलाकों के लोग जुलूस की शक्ल में आये और मानव शृंखला से जुड़ते गये. सबसे पहले दोनों समुदायों के लोग कांटाटोली चौक के पास जुटे और बारिश के बीच छाता लेकर मानव शृंखला बनायी. राष्ट्रीय ईसाई महासंघ की अगुवाई में भूमि अधिग्रहण बिल में संसोधन के साथ-साथ झारखंड सरकार की आरक्षण नीति का भी विरोध किया गया.
महासंघ के निर्देश के मुताबिक, अलग-अलग इलाकों से लोग हाथों में तख्तियां लेकर जुलूस की शक्ल में आगे बढ़ रहे थे. जिन लोगों को जहां कहा गया था, वहीं मानव शृंखला में शामिल हुए. राष्ट्रीय ईसाई महासंघ के अध्यक्ष प्रभाकर तिर्की का कहना है कि झारखंड सरकार का आरक्षण और भूमि अधिग्रहण बिल असंवैधानिक है. आरक्षण जाति के आधार पर मिलता है, धर्म के आधार पर नहीं. उन्होंने कहा कि आदिवासियों को बांटकर उन्हें आरक्षण से वंचित करना संविधान के विरुद्ध है.
कांटा टोली से कोकर, बहू बाजार, सुजाता चौक तक सैकड़ों की संख्या में महिला, पुरुष व बच्चे हाथों में तख्तियां लेकर प्रदर्शन करते दिखे। मानव श्रृंखला बनाकर उन्होंने अधिग्रहण बिल का विरोध किया।
इस दौरान उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण बिल में संशोधन करके सरकार पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाना चाहती है। गरीब आदिवासियों की जमीन लूटकर काॅरपोरेट घरानों को देना चाहती है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जब तक अधिग्रहण बिल वापस नहीं होता है तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा। इधर, बिल वापसी की मांग को लेकर सैकड़ों की संख्या में लोगों ने राजभवन के समक्ष भी प्रदर्शन किया। राजभवन में ज्ञापन देकर राज्यपाल से अधिग्रहण बिल को वापस लेने की मांग की गई।