परमाणु ऊर्जा पर जन-सुनवाई, 22 अगस्त, 2012,नई दिल्ली
भारत की सरकार बिलकुल अलोकतांत्रिक ढंग से परमाणु ऊर्जा का एक घातक विस्तार हम पर थोप रही है. इसके लिए लोगों के स्वास्थय तथा आजीविका पर इन परियोजनाओं के प्रभाव, भारत की वास्तविक ऊर्जा-जरूरतों, परमाणु ऊर्जा की सामाजिक तथा पर्यावरणीय कीमतों और फुकुशिमा के बाद दुनिया भर में परमाणु-ऊर्जा पर निर्भरता कम करने के चलन को भी अनदेखा किया जा रहा है.
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