समतावादी समाज निर्माण के लिए युवा समावेश : 18-21 सितम्बर 2017, जमशेदपुर (झारखण्ड)
प्रिय साथियों,
अभिवादन!
छात्र-युवा संघर्ष वाहिनी ने आगामी 18 से 21 सितम्बर ‘ 2017 तक समतावादी समाज निर्माण के लिए युवा समावेश/शिविर का आयोजन किया है. इस समावेश में मुख्यरूप से कोल्हान के सचेत, संवेदशील एवं नए व मानवीय विचारों के प्रति जिज्ञासु युवा भाग लेंगे.
समावेश 18 सितम्बर को शाम 6 बजे से प्रारंभ होगा. अतः सभी प्रतिभागियों, भागीदारों से निवेदन है कि उक्त तिथि पर शाम 4 बजे तक कार्यक्रम स्थल पहुँच जायें.
18 सितम्बर ‘ 2017, शाम 6 बजे प्रारंभ
ये जो दुनिया है :- समावेश/शिविर का प्रारभ आपसी परिचय से होगा. स्वयं के संक्षिप्त परिचय के साथ-साथ प्रत्येक शिविरार्थी समाज के बारे में जो अनुभव हैं, उसे बताएँगे. समाज में स्थानीय से लेकर दुनिया के अन्य किसी भी हिस्से में घटने वाली वैसी बाते जिसे बर्दास्त करना कठिन होता है, उसके बारे में बताना है. कुछ अच्छी चीजें भी हैं, उसे भी बता सकते है. परिचय सत्र में हरेक प्रतिभागी को अपना विचार रखना हैं.
19 सितम्बर 2017
ये दुनिया क्या है : पृथ्वी की उत्पत्ति :- हम जो दुनिया देखते हैं, पृथ्वी, चाँद, सूरज, ब्रह्माण्ड हमारे कौतूहल के विषय हैं. वैज्ञानिकों एवं दार्शनिकों ने ब्रह्माण्ड तथा विशेष कर पृथ्वी की उत्पत्ति के कई सिद्धांत दिए हैं. इन सिद्धांतो में से वैज्ञानिक सोच का क्या कहना है, इसपर चर्चा होगी. इस चर्चा की प्रस्तुतकर्ता होंगी – आधारशिला शिक्षण केंद्र, सेंधवा की प्रमुख जयश्री.
20 सितम्बर ‘ 2017
ये दुनिया क्या है : मनुष्य की उत्पत्ति :- आज हम इन्सान को जिस रूप में देखते हैं, वह शुरू से यैसा ही नहीं था. उसके रूप-रंग, कद-काठी, स्वरुप, विचार शक्ति में लाखों बरसों में तरह – तरह से बदलाव आये हैं. इंसानों के इस लम्बे सफर को जानना एव समझना न केवल काफी दिलचस्प है बल्कि एक नए सोच की पृष्ठभूमि का निर्माण भी करता है. इस विषय की प्रस्तुतकर्ता जयश्री ही होंगी.
उपरोक्त दोनों विषय एक दुसरे से जुड़े हुए हैं. अतः सत्र विशेष में इसे सीमित नहीं किया जा सकता है. 19 सितम्बर की सुबह से 20 सितम्बर के दोपहर तक पृथ्वी व मनुष्य की उत्पत्ति पर चर्चा होगी. शिविरार्थी अगर पहले विषय पर कुछ जानकारी हासिल करके आयें तो कम समय में कई महत्वपूर्ण बातों को जाना जा सकता है.
अनुभवों का समागम
इस सत्र का प्रारंभ 20 सितम्बर को दोपहर 3 बजे से होगा. इस सत्र में सक्रिय समाजकर्मी, सचेत नागरिक एवं बुद्धिजीवी अपने अनुभवों को साझा करेंगे. ये होंगे :- कपूर बागी, मदन मोहन, कुमार मार्डी, दिलीप वाहिनी, भासान, अमर सेंगेल, कन्हाई मार्डी, सुनीता, मधुकर, विश्वनाथ आजाद, विनोद कुमार, श्रीनिवास, कुमुद, किरण, दीनानाथ, अरविंद अंजुम, निशांत अखिलेश, आलोक कुमार, हरीश भूमिज, आसुतोष, रसोराज विद्रोही, शशांक, शेषा गिरी, पी पी वर्मा, आरपी शाही, दिनेश शर्मा, सुखचंद झा, प्रभात रंजन, विनय, मंथन.
यह सत्र स्वाभाविक रूप से काफी विविधतापूर्ण होगा कई तरह के सकारात्मक उदारहण जानने सुनने को मिलेंगे. वक्तव्य रखने वालों के लिए भी 10 मिनट की अधिकतम समय सीमा निर्धारित है.
21 सितंबर ‘ 2017
हम क्या करेंगे :- 21 सितम्बर की सुबह अंतिम सत्र है. इसमें प्रतिभागी अपने अनुभव, समाजकर्मियों के अनुभव, दुनिया के वारे में जानकर व्यक्तिगत एवं सामूहिक स्तर पर समाज में सकारात्मक भूमिका के बारे में तय करेंगे
समावेश/शिविर का यह एक संक्षिप्त विवरण है. शिविर को रोचक एवं ज्ञानवर्धक बनाने में आपकी पूर्व तैयारी की बड़ी भूमिका होगी. आप शिविर में आ रहे है अपने दिमाग को इसी पर केन्द्रित करके आये.
नोट :- शिविर को बीच में छोड़ जाना वर्जित है.
निवेदन : समावेश की सफलता हेतु आर्थिक अंशदान अपेक्षित है.
निवेदक :
छात्र-युवा संघर्ष वाहिनी
दीपक रंजीत (9431150509)
विश्वनाथ (7781982963)
कुमार दिलीप (9430127368)
(आप अगर इस समावेश में निष्ठापूर्वक भाग लेना चाहते हैं तो संलग्न फॉर्म भरकर हमें भेजे)