झारखंड : सीएनटी-एसपीटी एक्ट संशोधन बिल के खिलाफ विधान सभा घेराव
भूमि अधिकार आंदोलन ने 29-30 जून के सम्मेलन में झारखंड के आदिवासी, मूलवासियों, किसान, मेहनत कस, काश्तकार समुदाय के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिये संघर्ष करने के निर्णय लिया है। इसी निर्णय के साथ आज 8 अगस्त को विधान सभा घेराव किया।
हमारी मांग है-
1सीएनटी एक्ट, एसपीटी एक्ट संशोधन बिल पूरी तरह निरस्त किया जाए
2 सीएनटी एक्ट, एसपीटी एक्ट को कडाई से लागू किया जाए
3-पांचवी अनुसूचि के प्रावधानों को कडाई से लागू किया जाए
4- जमीन अधिग्रहण कानून 2013 को लागू किया जाए
5-गैरमजरूआ आम, गैर मजरूआ खास, नदी, नाला, आम रास्ता, चरागाह, खेल मैदान, जंगल, झाडी आदि सामुदायिक जमीन को भूमि बैंक में शामिल किया गया है, इसे मुक्त किया जाए, तथा पूंजी पतियों को आनलाइन हस्तांतरित किया जा रहा है, रोका जाए
6-जनविरोधी महुआ नीति को वापस लिया जाए
7 किसानों का लोन माफ किया जाए
8-अतमहतया किये किसानों के परिवार को 20-20 लाख रूपए मुआवजा दिया जाए
9 आदिवास, मूलवासी विरोधी वर्तमान स्थानीयता नीति को खारिज किया जाएगा, सदियों से जल जंगल जमीन के साथ रचे बसे आदिवासी मूलवासियों के सामाजिक मूल्यों, भाषा, संस्कृति, इतिहास को आधार बनाकर 1932 के खलिहान को आधार स्थानीयता नीति को पूनरपरिभासित कर स्थानीयता नीति बनायी जाए