हंसी में उलझा रहा देश और 12 परमाणु रिएक्टरों को मिली तबाही लाने की मंजूरी
बीते 7 फरवरी को जिस वक्त संसद में प्रधानमंत्री रामायण सीरियल की याद कर के कांग्रेसी नेता रेणुका चौधरी की टिप्पणी कर रहे थे और उस टिप्पणी पर दो-चार को छोड़कर पूरा सदन हंस रहा था, उस वक्त उसी दिन की एक बड़ी खबर हमसे छुपा ली गई कि सरकार ने 12 परमाणु ऊर्जा रिएक्टरों को प्रशासनिक मंजूरी दे दी है। उसी दिन लोकसभा में मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक लिखित जवाब में बताया कि भारत सरकार ने 10 हैवी वाटर और 2 लाइट वाटर रिएक्टरों को प्रशासनिक और वित्तीय मंजूरी दे दी है।
इस खबर को न तो किसी बडे मीडिया ने रिपोर्ट किया और न ही वैकल्पिक माध्यमों में इसकी ओर किसी का ध्यान गया। कुल मिलाकर फाइनेंशियल एक्सप्रेस और इकनॉमिक टाइम्स ने इस संबंध में संक्षिप्त खबरें छापीं। पूरा देश पिछले पांच दिनों से रेणुका चौधरी की हंसी और उस पर प्रधानमंत्री की टिप्पणी में फंसा पड़ा है।
मंत्री के जवाब के मुताबिक मंजूरी दिए गए कुल 12 रिएक्टरों में प्रत्येक 700 मेगावाट के होंगे। हैवी वाटर रिएक्टरों को फ्लीट मोड में स्थापित किया जाएगा जबकि लाइट वाटर रिएक्टरों को रशियन फेडरेशन के सहयोग से स्थापित किया जाएगा।
हैवी वाटर रिएक्टरों को स्थापित करने के लिए मध्य प्रदेश, कर्नाटक और हरियाणा चुने गए हैं जबकि अकेले ऐसे चार रिएक्टर राजस्थान में लगाए जाएंगे। इनके अलावा 1000 मेगावाट के दो लाइट वाटर रिएक्टर कुडनुकुलम में लगाए जाने हैं।
मंत्री ने बताया कि प्रशासनिक व वित्तीय मंजूरी मिलने के बाद सुरक्षा संबंधी प्रावधानों की जांच परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्उ द्वारा की जा रही है। इसके बाद ही परियोजना के विभिन्न चरणों को मंजूरी मिल सकेगी।
फिलहाल देश में सात परमाणु परियोजनाएं लगाई जा रही हैं जिनकी कुल क्षमता 5300 मेगावाट की है। उन्होंने बताया कि इनके अलावा हरियाणा के गोरखपुर में 1400 मेगावाट के दो परमाणु रिएक्टर के निर्माण का काम शुरू हो चुका है।
गौरतलब है कि पिछले साल मई में न्यूक्लियर कॉरपरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआइएल) ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर के बताया था कि सरकार ने 10 हैवी वाटर रिएक्टरों को मंजूरी दे दी है, लेकिन उसमें बाकी दो लाइट वाटर रिएक्टरों का जि़क्र नहीं था।
सरकार ने पहली बार संसद को यह जानकारी 7 फरवरी 2018 को दी है कि उसने कुल 12 न्यूक्लियर रिएक्टरों को वित्तीय व प्रशासनिक मंजूरी दी है। यह अहम खबर मीडिया की आंख से केवल इसलिए रह गई क्योंकि उस दिन और उसके बाद की सबसे बड़ी खबर प्रघानमंत्री का संसदीय अभिभाषण रहा जिसमें उन्हों रेणुका चौधरी की हंसी पर टिप्पणी की थी।
साभार : मीडिया विजिल