रमन सरकार खामोश है : चना सत्याग्रह के तहत किसान कर रहे मुख्यमंत्री मुंह खोलो अभियान
छत्तीसगढ़, राजनांदगांव 3 जुलाई 2018। छत्तीसगढ़ प्रदेश में सीएम रमन सिंह के निर्वाचन जिला राजनांदगांव मुख्यमंत्री मुंह तो खोलो कुछ तो बोलो के नारे गुंज रहा है। किसान मुख्यमंत्री को मुंह खोल कर बोलने की गुजारिश इस लिए कर रहे है क्योंकि किसानों को रबी की फसल चना का उचित दाम नहीं मिल पाने के कारण 22 मई से शुरू हुआ किसान चना सत्याग्रह पर बैठे हुए थे। लेकिन मुख्यमंत्री के द्वारा किसानों के आंदोलन को अनदेखी और किसी प्रकार का संवाद नहीं होने के चलते अब किसान पिछले 18 दिनों से हर गांव मोहल्ले में मुख्यमंत्री मुंह तो खोलो कुछ तो बोलो के नारों के साथ जन सभाए कर कर रहे है।
आप को बता दे कि प्रदेश में गर्मी की फसल धान पर सरकार ने पानी देने से रोक लगा दिया था। जिसके चलते किसानों ने भारी तादात में चने की खेती की थी लेकिन सरकार द्वारा उन्हें उचित मूल्य नहीं मिलने के कारण किसान आक्रोशित होकर आंदोलन कर रहे है । वही दूसरी तरफ चने की फसल को सरकार समर्थित दाल माफिया औने-पौने दाम में खरीद कर किसानों को लूट रहे है । किसानों के एक महीने के आमरण अनशन के बावजूद मांगे पूरी करना तो दूर की बात सरकार संवाद के लिए भी तैयार नही हुई थी जिसे किसानों ने लोकतंत्र के लिए खतरनाक बताते हुए आन्दोलनरित है ।
किसान नेता सुदेश टेकाम ने बातचीत में बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार 2012 में स्वादिष्ट चना वितरण योजना के तहत 85 आदिवासी विकासखंडों में सस्ते दर पर चना वितरित करती है, जिसके लिए सालाना 60 हजार टन चना की खरीदी व्यपारियों से किया जाता है । किसान चाहते है कि छत्तीसगढ़ सरकार ये खरीदी किंसनो से समर्थन मूल्य पर करे, इसके लिए सरकार को न किसी अनुमति की जरूरत है न ही बजट की। आगे सुदेश टेकाम ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार की मंशा पार्टी और सरकार से जुड़े प्रभावशाली व्यपारियों को लाभ पहुंचाने के लिए किसानों की अनदेखी की जा रही है, सरकार 7 साल से जिन व्यपारियों से चना खरीद रही है उनके नामो को सार्वजनिक करने की भी मांग किया गया।
एक किसान मदन टेकाम कहते है कि इस साल प्रदेश में धान की खेती बर्बाद हो गई है , जिसके घाटे से किसान अभी तक उभर नही पाए हैं समुचित सूखा राहत एवं बीमा राशि की अभी तक प्रतीक्षा कर रहे है । वही किसी तरह व्यवस्था कर रबी में चने की खेती करने वाले किसान ठीक फसल होने के बावजूद बाजार की मंदी एवं सरकारी नीति के चलते घाटे की मार झेलने को मजबूर है।
आप को बता दे कि पिछले सीजन में 5500 रुपये से 6000 रुपये प्रति क्विंटल बिकने वाले चने को इस साल बाजार में 3000 से अधिकतम रुपए मिल पा रहा है । जबकि समर्थन मूल्य 4400 रुपये प्रति क्विंटल घोषित है । किसानों ने विवश होकर अप्रैल माह में दुर्ग जिले के किसानों ने रमन सरकार के खिलाफ नाराजगी जाहिर करते हुए मुफ्त में चना बांटा था किसानों का गुस्सा देखते हुए कुछ दिन पूर्व मंत्रिपरिषद की बैठक में किसानों को 1500 रुपए प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि देने का फैसला लिया गया। लेकिन किसान संगठन इसे छलावा बता रहे हैं।
देशभर में 110 लाख टन से अधिक पैदावार
साल 2017-18 में देश में 110 लाख टन से अधिक चना फसल की पैदावार का अनुमान है। राजस्थान व मध्यप्रदेश देश का 60 फीसदी चना उत्पादन करते हैं। मध्यप्रदेश में हालिया देश का सबसे बड़ा चना उत्पादक राज्य है, जहां 54 लाख टन चना उत्पादन होने का अनुमान है। चना उत्पादन में दूसरे स्थान पर राजस्थान व तीसरे पर महाराष्ट्र है। छत्तीसगढ़ में इस वर्ष 4.38 लाख टन चना उत्पादन का अनुमान है। जबकि 2016-17 में 4.02 लाख और 2015-16 में 2.17 लाख टन चना उत्पादन हुआ था।
बरहाल मुख्यमंत्री रमन सिंह के निर्वाचन जिले राजनांदगांव से शुरू हुई चना सत्याग्रह के तहत मुख्यमंत्री मुंह खोलो अभियान प्रदेश के अन्य जिलों में तेजी से फैल रहा है।