पोस्को के विरोध में दिल्ली से भुवनेश्वर तक प्रतिरोध
दिल्ली स्थित पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के भवन पर तथा उड़ीसा के भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन के सामने लोयर पीएमजी स्ट्रीट पर आज सामाजिक संगठनों, कार्यकर्त्ताओं और छात्र-नौजवानों ने जगतसिंहपुर में पोस्को कम्पनी को पर्यावरण की मंजूरी के विरोध में प्रदर्शन किया. पॉस्को प्रतिरोध संग्राम समिति (पीपीएसएस) ने पॉस्को एवं दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति की भारत यात्रा के खिलाफ राष्ट्रीय विरोध दिवस के रूप में 15 जनवरी की घोषणा की थी. इसी कड़ी में आज दिल्ली और भुवनेश्वर में प्रदर्शन किये गये है.
पर्यावरण भवन के सामने आदिवासी भूमि पर जबरन कब्जा करने, पोस्को को दि गई मंजूरी के खिलाफ नारे लगाए और पर्यावरण एवं वन मंत्री को प्रदर्शनारत युवाओं ने ज्ञापन दिया, जिसे सबके सामने पढकर सुनाया गया.
दिल्ली के विरोध प्रदर्शन में गोपाल कृष्णन ने कहा कि हम यहाँ पर दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति सुश्री पॉर्क गुवेन हे की 15-18 जनवरी तक भारत की यात्रा के विरोध में इकठा हुए है. क्योकि कोरियाई राष्ट्रपति भारत में पॉस्को परियोजना और कोरियाई इलेक्ट्रिक कंपनी के लिए एक परमाणु पार्क के आवंटन को मजबूती देने के लिए आ रही है.
पिछले महीनें जयंती नटराजन से पर्यावरण मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार लेने के बाद पर्यावरण मंत्री एम. वीरप्पा मोइली ने 7 जनवरी को पोस्को परियोजना को मंजूरी दी है. पॉस्को को यह मंजूरी दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति पॉर्क गुवेन हे के भारत दौरे से सप्ताह भर पहले दी गई है। पॉस्को परियोजना भारत में सबसे बडा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश है। केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के जिस फैसले के तहत जगतसिंहपुर में पोस्को कम्पनी को हरी झण्डी मिली उस फैसले का आधार देश में मौजूदा कानून या सरकार द्वारा नियुक्त समितियां और विशेषज्ञों की संस्तुति तथा स्थानीय लोगों की मांग नहीं बल्कि राज्य सरकार के प्रति ‘आस्था एवं विश्वास’ को सर्वोच्च स्थान दिया गया है।