जैतापुर न्यूक्लियर पॉवर प्रोजेक्ट से विस्थापित हुए हजारों किसान-मछुआरे अपनी जमीन पाने के लिए सड़क पर उतरे
जैतापुर न्यूक्लियर पॉवर प्रोजेक्ट (जेएनपीपी) के खिलाफ आंदोलन एक बार पुनः तेज हो गया है। 13 मई 2012 को करीब तीन हजार किसानों-मछुआरों ने अपने पशुओं के साथ प्रोजेक्ट के लिए अधिग्रहित की गई अपनी जमीन पर कब्जा करने का प्रयास किया।
कोंकण एंटी-न्यूक्लियर पॉवर प्रोजेक्ट कमेटी के पदाधिकारी प्रदीप इंदुलकर ने कहा कि जैतापुर प्रोजेक्ट के आस-पास के लगभग 10 गांवों के किसानों-मछुआरों ने विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया। पुलिस ने शांतिपूर्ण ढंग से अपनी जमीन वापस लेने के लिए प्रदर्शन कर रहे विधायक राजन सालवी सहित करीब 100 के आस-पास किसानों को हिरासत में लिया है।
जैतापुर प्रोजेक्ट का विरोध करने वाले प्रमुख नेताओं में से एक वैशाली पाटिल का कहना है कि प्रोजेक्ट स्थल पर हजारों की सख्या में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती और धारा 144 के लागू होने से इलाके का वातावरण तनावपूर्ण हो गया है।
उल्लेखनीय है कि करीब 9900 मेगावॉट के प्रस्तावित जैतापुर न्यूक्लियर पॉवर प्रोजेक्ट के लिए 730 हेक्टर जमीन अधिग्रहित की गई है। इसके अलावा प्रस्तावित परमाणु ऊर्जा पार्क पर काम करने वालों के निवास के लिए 250 हेक्टर अतिरिक्त भूमि का अधिग्रहण किया गया है।