छत्तीसगढ़ : नौकरी के वायदे के नौ साल बाद मिली तो पुलिस की लाठी -गोली
-तामेश्वर सिन्हा
छत्तीसगढ़। बस्तर(कांकेर )- रावघाट रेल परियोजना के तहत रेलवे प्रभावित किसान वादा के मुताबिक नौकरी नहीं दिए जाने कि लेकर पिछले 11 दिनों से रेल पटरी पर बैठ कर हक के लिए आन्दोलन कर रहे थे लेकिन किसानो को जबरिया बल पूर्वक गिरफ्तार कर आस्थाई जेल में डाल दिया गया।
गुरुवार दोपहर को फ़ोर्स ने अचानक सभी आन्दोलनकारी किसानो को बल पूर्वक गिरफ्तार कर पंडाल को उखाड़ कर जब्त कर लिया था यहाँ तक की आन्दोलन का नेतृत्व कर रहे किसान को नजर बंद कर दिया गया था हालंकि पुलिस ने उन्हें आस्थाई जेल में रखा था और बाद में आन्दोलन न करने कि समझाइश देकर रिहा किया गया लेकिन किसान फिर उसी शाम से नौकरी की मांग को लेकर फिर रेल पटरी पर बैठ कर आन्दोलन कर रहे है।
गौरतलब हो कि रावघाट रेल परियोजना के लिए जमीन देने वाले किसानो को वादे के मुताबिक पिछले 9 सालो के बाद भी नौकरी नही मिली है. रावघाट रेल लाइन के लिए 415 किसानो कि जमीन चपेट में आई थी, जिन्हें रेलवे के वादे के मुताबिक नौकरी मिलनी थी लेकिन 9 साल बाद भी नौकरी नही मिलने से नराज किसानो ने 6 मार्च से रेलवे पटरी पर बैठ कर धरना देना शुरू कर दिया है. लगभग 408 किसान परिवार धरने पर बैठे है लेकिन गिरफ्तारी के दिन धरना स्थल पर 233 किसान बैठे हुए थे जिन्हें गिरफ्तार कर रिहा किया गया।
शान्ति पूर्वक धरना दे रहे किसानो को पुलिस बल और कांकेर जिला प्रशासन ने जबरिया बल का प्रयोग कर आन्दोलन को तोड़ने की कौशिश की गई लेकिन किसान फिर उसी जगह पंडाल तान कर आन्दोलन कर रहे है , यहा तक की किसान रात के समय में भी आन्दोलन स्थल में दते हुए है किसानो का कहना है कि रेलवे नौकरी का वादा कर धोखाधड़ी कर रही है, जब तक वादे के मुताबिक सभी किसानो को नौकरी नही मिलती हम लगातार रेल पटरी पर बैठ कर आन्दोलन करते रहेंगे।