पुलिस के संरक्षण में अंगुल में जिंदल स्टील के सुरक्षा गार्ड तथा गुंडों द्वारा विस्थापितों पर नृशंस हमला
सरकारी दमन और कारपोरेट हिंसा का सामना करते हुए ओडिसा के तमाम जन संघर्ष अपने वन, जल, भूमि, खनिजों और अन्ततः अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए संघर्षरत हैं। पोस्को एवं वेदांता कंपनी के साथ ही साथ जिंदल कंपनी के खिलाफ भी संघर्ष तीखा होता जा रहा है।
- सर्वे का काम पूरा किया जाय तथा युद्धस्तर पर कार्य करते हुए प्रत्येक विस्थापित तथा प्रभावित परिवार को जाब कार्ड वितरित किया जाय।
- प्रत्येक प्रभावित किसान को 50 लाख रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा दिया जाय तथा लैण्ड लूजर्स को कंपनी में कार्य दिया जाय।
- योग्यता के अनुसार प्रत्येक प्रभावित-विस्थापित परिवार के युवकों-युवतियों को कंपनी में स्थायी रूप से काम दिया जाय तथा उन्हें तकनीकी शिक्षा भी उपलब्ध करायी जाय।
- प्रत्येक प्रभावित ग्रामवासी को कंपनी का शेयर होल्डर अनिवार्य रूप से बनाया जाय।
- लैण्ड लूजर्स, प्रभावित-विस्थापित ग्रामवासियों के लिए कंपनी में 90 प्रतिशत स्थान आरक्षित रखे जायँ तथा उनकी नियुक्ति अविलंब की जाय।
- ऐसे विस्थापित-प्रभावित लोग जो पहले से ही कंपनी में कार्यरत हैं या उनके अंदर काम करने की क्षमता है - को कंपनी में स्थायी नौकरी दी जाय। स्थायी नियुक्ति का नियुक्ति पत्र जारी किया जाय यह नियुक्ति पत्र जे.एस.पी.एल. के गाइड लाइंस के मुताबिक जारी किये जायँ।
- ऐसे प्रभावित या विस्थापित जन जिनकी उम्र 50 वर्ष से अधिक है या वे विकलांग हैं, तो उन्हें 5000 रुपये महीना उनकी जीविका के लिए दिया जाय।
- अधिग्रहीत क्षेत्र के तालाबों तथा वृक्षों का उचित दाम एक किश्त में अदा किया जाय।
- प्रभावित या विस्थापित होने वालों में से यदि कोई व्यक्ति कंपनी में काम नहीं करना चाहता तो उसे एकमुश्त 50 लाख रुपये दिये जायँ।
- गोचर भूमि, दाह संस्कार के लिए आरक्षित भूमि तालाब, जो अधिग्रहीत भूमि क्षेत्र में है उसके बदले उतनी ही भूमि पक्के पट्टे के रूप में दी जाय।
- विस्थापित परिवारों को आवास तथा आवासीय स्थल के पास (रहन-सहन के लिए) भूमि का स्थायी- पक्का-पट्टा दिया जाय।
- बिजलीकरण, पौध रोपण, कृषि मशीनों की आपूर्ति, खेलकूद का मैदान, स्कूल, रोड, पेयजल की आपूर्ति, स्वास्थ्य सेवायें, खाद्यान्न का स्टाक तथा दुर्घटना आदि में मदद जैसे विकास के कार्य जे.एस.पी.एल. द्वारा क्षतिग्रस्त प्रजा संघ के माध्यम से क्रियान्वित कराये जायँ।
- प्रभावित-विस्थापित लोगों को निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधायें तथा उनके बच्चों को जिंदल कंपनी के स्कूल में निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था की जाय।
- क्षतिग्रस्त प्रजा संघ को एक सुसज्जित कार्यालय उपलब्ध कराया जाय तथा उसके प्रार्थना पत्रों पर अविलम्ब कार्यवाही की जाय।
- विस्थापितों के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र करने वाले सुरेश कुमार शर्मा को जे.एस.पी.एल. से बर्खास्त किया जाय।
- जे.एस.पी.एल. कंपनी राज्य सरकार की नीति का पालन करते हुए भू-जल का इस्तेमाल नहीं करे। कंपनी का पावर प्लांट तब तक बंद रखा जाय जब तक कंपनी नदी से पानी का इंतजाम नहीं कर लेती।
- जे.एस.पी.एल. प्रभावित तथा आसपास के लोगों को हर मामले में प्राथमिकता दे।
- कालियाकता गांव की अधिग्रहीत भूमि का मुआवजा तुरंत दिया जाय तथा उनके पुनर्वास की नियमानुसार व्यवस्था की जाय।
- 25 जनवरी 2012 की घटना में घायल सभी लोगों की चिकित्सकीय खर्चों का भुगतान जे.एस.पी.एल. एवं स्थानीय प्रशासन द्वारा किया जाय।
- जे.एस.पी.एल. एवं प्रशासन निर्दोष लोगों पर लगाये गये मुकदमों को वापस ले।
– अमूल्य कुमार नायक एवं आई.एस.ई.डी.