संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

पोस्को परियोजना रद्द करो! भारत को आज़ाद करो !

प्रिय साथियों

हम उड़ीसा से आया यह भारतीय नागरिकों के नाम अपील पत्र हिन्दी में अनूदित कर आप तक पहुँचा रहे हैं। इसमें वहाँ चल रहे आँदोलन के साथियों ने सरकारी झूठ से सचेत रहने और स्थानीय लोगों की जीविका, सुरक्षा और पर्यावरण के मद्देनजर इस आंदोलन को व्यापक समर्थन देने की गुहार की है।
आपसे अनुरोध है कि इस चिट्ठी को आगे बढ़ाएँ और ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुँचाएँ।
पोस्को परियोजना रद्द करो! भारत को आज़ाद करो !

 

प्यारे दोस्तों,
अगले दो महीनों में, भारत की आजादी के 65 वर्ष पूरे हो जाएंगे. हम उन लोगों को याद करने को मजबूर हो जाएंगे जिन्होंने हमारी आज़ादी के लिए अपने निजी-हितों का बलिदान किया. अफसोस की बात है, कि भूमंडलीकरण के बाद के पिछले डेढ़ दशक के दौरान, हमारे नेता आजादी की लड़ाई के उन उद्देश्यों का ही त्याग कर रहे हैं. भारत की भूमि, नदियों, पहाड़ों, समुद्र और जंगलों को वैश्विक कंपनियों को बेचा जा रहा है और लाखों किसानों, दलितों, आदिवासियों और मछुआरों को विस्थापित किया जा रहा है और इस देश के पर्यावरण का विनाश हो रहा है.

विशाल बहुराष्ट्रीय कंपनी पॉस्को की परियोजना वैश्वीकृत भारत का सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) है. इस परियोजना से हजारों किसानों, दलितों, महिलाओं, बच्चों, मछुआरों और स्थानीय लोगों का जीवन नष्ट होगा.
पॉस्को के खिलाफ जन-आंदोलन पॉस्को और उड़ीसा सरकार के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद ही शुरू हो गया था. तब से पॉस्को-समर्थक गुंडों द्वारा प्रतिरोधरत सौ से अधिक लोगों पर बम के द्वारा हमले किए गए हैं और करीब 100 ग्रामीणों को ओडिसा पुलिस द्वारा गोली मार दी गई है. जबकि अभय साहू और नारायण रेड्डी जैसे नेताओं के साथ 1500 से अधिक ग्रामीण और कार्यकर्ता 200 से अधिक झूठे केसों का सामना कर रहे हैं. कई ग्रामीण गिरफ्तारी के डर से इलाज कराने गांवों के बाहर अस्पताल में नहीं जाते हैं. जबकि 5 कार्यकर्ता अब भी जेल में हैं, पॉस्को प्रतिरोध संग्राम समिति के नेतृत्व में पॉस्को के खिलाफ यह संघर्ष अभी भी केन्द्र और राज्य सरकारों के साथ मिलीभगत से काम कर रहे विशाल वैश्विक पूंजीवादी ढाँचे के विरोध में लगातार जारी है.
हम मानते हैं कि अगर – पॉस्को विरोधी आंदोलन को कॉरपोरेट्स के हितों की वजह से दबा दिया गया, तो यह ओडीशा और भारत के बाकी हिस्सों में इसी तरह के कई संघर्षों को प्रभावित करेगा. चूंकि यह सेज परियोजना इस देश में सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश है, इसलिए इसके खिलाफ चल रही लड़ाई को वैश्वीकरण के खिलाफ और भारत की आजादी के संघर्ष के प्रतीक के रूप में समझा जाना चाहिए. इसलिए, हम भारत के सभी स्वतंत्रता-प्रेमियों से यह अपील करते हैं कि 22 जून, 2012 को पॉस्को और सरकार के बीच समझौते पर हस्ताक्षर करने के 7 वर्ष पूरे होने के दिन अपना प्रतिरोध जताएं.. हम सभी कार्यकर्ताओं, संगठनों, जन-आंदोलनों और भूमंडलीकरण के खिलाफ सचेत व्यक्तियों से यह अपील करते हैं कि हमारी ज़मीन पर इस कंपनी के आक्रमण के खिलाफ कड़ा विरोध व्यक्त करें. हम मछुआरों, दलितों, महिलाओं, बच्चों और स्थानीय लोगों के साथ काम कर रहे आंदोलन-समूहों और लोगों से २२ जून को एकजुटता दिखाने की गुजारिश करते हैं, क्योंकि इस लड़ाई में ऐसे ही लोगों का जीवन दांव पर लगा है. इस ऐतिहासिक मौके पर PPSS पूरे भारत और विदेशों में साथियों से निम्नलिखित विरोध-कारवाईयों के आयोजन का अनुरोध करते हैं:

1. अपने क्षेत्र में पॉस्को को हटाए जाने और इस कंपनी द्वारा कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों के खिलाफ सभी गढ़े झूठे मामलों को तुरंत रद्द करने की मांग के साथ विरोध प्रदर्शन.

2. पॉस्को द्वारा विस्थापन और पर्यावरण विनाश का अपने क्षेत्र में सार्वजनिक बैठकों में निंदा.
3. गीतों, पोस्टरों, पेंटिंग,नाटक, प्रिंट मीडिया और इंटरनेट के माध्यम से पॉस्को के खिलाफ अभिव्यक्ति का इस्तेमाल.

4. इस मुद्दे से सरोकार रखने वाले लोगों को ओडिसा आने के लिए प्रेरित करें.

5. भारत के प्रधानमंत्री और ओडिसा के मुख्यमंत्री को पत्र लिखें

6. भविष्य के अभियानों के लिए ओडीशा के आन्दोलन का लिखित अथवा वीडियो के माध्यम से दस्तावेजीकरण.
7. किसी भी अन्य प्रतीकात्मक या कल्पनाशील कार्रवाई को आप चुन सकते हैं,

हम ओडीशा के संघर्ष में भाग लेने और अपना समर्थन व्यक्त करने वाले सभी साथियों का का स्वागत करते हैं.
प्रशांत पैकरा
प्रवक्ता, पॉस्को प्रतिरोध संग्राम समिति
09437571547 मोबाइल
ई – मेल – prashantpaikary@gmail.com
कैसे पहुँचें:

·पुरी – पारादीप पैसेंजर ट्रेन: भुबनेश्वर से 7:00 तथा कटक से 8.30 से
·10 बजे बड़ा बंधा स्टेशन (पारादीप रेलवे स्टेशन से पहले) पर उतरें (बड़ा बंधा से पटनाहाट 7 किलोमीटर दूर है)
·पटनाहाट में जनसभा: 12 बजे. बालितिथा में 3 बजे तक
·बड़ा बंधा से पुरी – पारादीप पैसेंजर ट्रेन से शाम 5.30 बजे लौटें
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