रिलायंस की लूट और अतिक्रमण के खिलाफ ग्रामीण जनता एकजुट
गुजरी 26 अगस्त 2014 को मध्य प्रदेश के सिंगरौली के अमलोरी स्थित रिलायंस कोल् ब्लॉक के गेट के पास सुबह 6 बजे से कंपनी और प्रशासन के वायदा खिलाफी के विरोध में सैकड़ो आदिवासी और दलित स्त्री पुरूष एकत्र हुवे। राजस्व के अधिकारीयों ने लिखित तौर पर 5 दिन का समय माँगा है. पेश है लोकविद्या जन आन्दोलन की यह विज्ञप्ति;
अमलोरी स्थित रिलायंस के कोल ब्लॉक के मुख्य द्वार पर कन्वेयर बेल्ट के नीचे रिलायंस और प्रशासन के वायदाखिलाफी के विरोध में मुहेर और अमलोरी गांव के लोगों ने धरना दिया। इस धरने में दोनों ही गांव के सैकड़ो स्त्री पुरूष शामिल हुए। धरना स्थल पर सुबह 7 बजे से ही लोगों का जमावड़ा शुरू हो गया था। इस बाबत जानकारी देते हुए स्थानीय निवासी श्री रामजी बसोर ने बताया कि यह धरना कम्पनी के द्वारा किये जा रहे अन्याय और कम्पनी को मिलते प्रशासनिक शह के खिलाफ आयोजित किया गया।
रामजी ने बताया कि यह धरना आदर्श पुनर्वास नीति 2002 व राष्ट्रीय पुनर्वास नीति 2007 के अन्तर्गत 9 सूत्री मांगों पर किया गया। जिसमें मुख्य रूप से विस्थापित अथवा प्रभावित लोगों को स्थाई नौकरी मंहगाई भत्ता, पेंशन, निशुल्क आई टी आई प्रशिक्षण की मांग और कम्पनी द्वारा अवैध अतिक्रमण पर तत्काल रोक लगाने हेतु किया गया।
मौके पर मौजूद भारी पुलिस बल के बीच तहसीलदार श्री मिलिन्द ढोके ने लिखित तौर पर आश्वासन दते हुए कहा कि जिलाधिकारी के सिंगरौली पहुंचते ही समस्त समस्याओं को लेकर बेठक करेगें। उन्होंने आश्वस्त करते हुए कहा कि कम्पनी का व्यवहार अमानवीय और विधि विरू़द्ध है और इसका संज्ञान लिया जायेगा। धरने में उपस्थित सैकड़ों लोगों की मांग पर तहसीलदार ने यह स्वीकार किया कि उक्त बैठक में रिलायंस के उच्च अधिकारियों को भी बूलाया जायेगा ताकि शिकायतों का त्वरित निबटारा किया जा सके।
धरने में शामिल किसान आदिवासी विस्थापित एकता मंच की सदस्य एकता ने कहा कि पिछले कई वर्षो से सिंगरौली के लोगों पर कम्पनियों के माध्यम से अन्याय हो रहा है। इस धरने में उपस्थित स्त्री पुरूषों का असंतोष इस बात का सबूत है कि जिला प्रशासन अपने आश्वासनों से हमेशा मुकरता रहा है। एकता ने आगे कहा कि अगर इस बार फिर ग्रामीणों की समस्या सुलझाने में लापरवाही बरती गई तो पुनः ऐसे ही धरने का आयोजन कर लम्बा संघर्ष छेड़ा जायेगा।
धरनें पर उपस्थित सैकड़ों महिलाओं ने यह बताया कि कन्वेयर बेल्ट से पैदा होते ध्वनि और वायु प्रदूषण के कारण न केवल कई गांव की खेती नष्ट हो रही है बल्कि आम जन जीवन भी अस्त व्यस्त हो चुका है। महिलाओं ने प्रशासन से इस संदर्भ में भी न्यायोचित कार्यवाही की मांग की।
इस अवसर पर मुधुनी बसोर, रवि शेखर, राजकुमार समेंत भारी संख्या में स्त्री पुरूष मौजुद रहे।
द्वारा जारी
रवि शेखर, रामजी बसोर 8225935599
लोकविद्या जन आन्दोलन, कि0आ0वि0ए0मं0