संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

उत्तर प्रदेश : योगी सरकार समर्थन मूल्य नहीं दे रही थी परेशान किसानों ने कलेक्ट्रेट की सीढिय़ों पर सिर पटक-पटक कर बहाया खून

उत्तर प्रदेश के झाँसी में 2 फ़रवरी 2018 को उड़द की फसल का समर्थन मूल्य न मिलने, अपनी फसल को बिचौलियों के माध्यम से बेचने और हफ्तों पर फसल से लदे ट्रैक्टरों को मंडी परिसर में खड़ा रखने के बाद फसल में नमी बताने के आरोप लगाते हुए आज कई गांवों के किसानों ने कलेक्ट्रेट परिसर में खूनी प्रदर्शन किया। सरकार व मंडी अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए किसानों ने कलेक्ट्रेट की सीढिय़ों पर सिर पटक-पटक कर वहां अपना खून बहाया। यह देख मौके पर मौजूद पुलिस ने किसानों को रोकने का प्रयास करते हुए धक्का मुक्की की तो किसान भडक़ उठे और जमकर प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी करने लगे। किसान झाँसी दौरे पर आए मुख्य सचिव के समक्ष अपना दुखड़ा रोने की मांग कर रहे थे।

बुंदेलखंड किसान मोर्चा के तत्वावधान में किसान नेता महेंद्र सिंह शर्मा के नेतृत्व में आज बड़ागांव, बबीना ब्लाक एवं अन्य ग्रामीण क्षेत्रों के किसान जिलाधिकारी कार्यालय पहुंच गए। वहां सैकड़ों में संख्या में किसानों ने उग्र प्रदर्शन किया। जोरदार नारेबाजी करते हुए किसानों ने कहा कि मंडी में उड़द व अन्य फसलों से लदे उनके ट्रैक्टर कई दिनों से खड़े हैं। उनका नंबर नहीं आता, न ही तुलाई हो रही है। उनकी फसल ओस के कारण नमी से खराब हो रही है। मजबूरी वश फसल आढ़तियों को बेचना पड़ रही है। जिस कारण उन्हें सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य नहीं मिल रहा और फसल के कम दाम मिल रहे हैं। जिनसे उनकी लागत भी नहीं निकल रही। सभी किसान अपनी पीड़ा झाँसी दौरे पर आए मुख्य सचिव को सुनाना चाहतेथे।

उधर, जिलाधिकारी व अन्य बड़े अधिकारी मुख्यसचिव के साथ समीक्षा बैठक में व्यस्त थे। कलेक्ट्रेट में सुरक्षा के इंतजाम के चलते पुलिस बल तैनात था। अपनी सुनवाई न होते देख किसानों ने कलेक्ट्रेट की सीढिय़ों पर अपने सिर पटकना शुरू कर दिए, यह सब तब तक चलता रहा, जब तक कि किसानों के सिरों से खून नहीं बह निकला। खून बहते देख पुलिस का सब्र टूट गया और पुलिस ने यह खूनी प्रदर्शन कर रहे किसानों को हटाते हुए धक्का मुक्की शुरू कर दी। इससे किसान उग्र हो उठे और हंगामा करते हुए जोरदार नारेबाजी करने लगे। बाद में किसी प्रकार मामला शांत हुआ तो किसान रोने लगे। मौके पर आए सीओ सिटी जितेंद्र सिंह परिहार व प्रशासनिक अधिकारी ने किसी प्रकार किसानों को समझाने का प्रयास किया, मगर फिलहाल कोई हल नहीं निकला है।


Credit : jhansitimes
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