गोरखपुर परमाणु ऊर्जा संयंत्र का आन्दोलन तेज हुआ
गोरखपुर परमाणु ऊर्जा संयंत्र के विरोध में आंदोलन 670 दिन से चल रहा है। 17 अगस्त 2010 से किसान धरने पर बैठे हुये हैं। पिछली 10 फरवरी को आंदोलन गोरखपुर के अलावा 10-12 गांवों में पहुंचा है। इसको लेकर गोरखपुर गांव के आसपास के गांव के लोगों ने फतेहाबाद के उपायुक्त को प्रदर्शन करते परमाणु विरोधी मोर्चा के बैनर तले ज्ञापन देते हुए कहा कि हम गोरखपुर गांव के साथ हैं। यह केवल गोरखपुर की लड़ाई नहीं है। पूरे इलाके की लड़ाई है तथा हम इसे मिल कर लड़ेंगे। इसके बाद 30 गांव की परमाणु ऊर्जा विरोधी मोर्चे की इकाईयां गठित की गईं तथा 30 मार्च को फतेहाबाद में 30 गांव के लगभग 5000 लोगों ने परमाणु संयंत्र के विरोध में प्रदर्शन किया जिसमें हरियाणा की राजनैतिक पार्टियों ने भी हिस्सा लिया। इसमें इंडियन नेशनल लोकदल, हंजका, भारतीय जनता पार्टी व मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी मुख्य रूप से उपस्थित थीं तथा अनेक सामाजिक संगठन जिसमें परमाणु विरोधी मोर्चा, शहीद भगत सिंह नौजवान सभा, लोकराज संगठन तथा हरियाणा किसान मंच आदि प्रमुख रूप से शामिल थे। उसके बाद 30 गांवों के लोग आसपास के 100 गांवों में गये तथा 100 गांवों के लोगों ने आंदोलन में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। गत 8 जून 2012 को हरियाणा किसान, परमाणु विरोधी मोर्चा, सोशलिस्ट नेशनल यूनिटी सेंटर, लोकराज संगठन, शहीद भगतसिंह नौजवान सभा, आजादी बचाओ आंदोलन ने मिलकर एकदिन का धरना दिया। इसके बाद इन संगठनों ने किसान संघर्ष समिति के साथ मिलकर आंदोलन के 2 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में एक बड़ा प्रदर्शन 17 अगस्त, 2012 को करने का फैसला किया तथा 9 जुलाई को 700 दिन पूरे होने के उपलक्ष्य में पूरे हरियाणा में धरना व प्रदर्शन करने का निर्णय किया। -डॉ. राजेन्द्र शर्मा