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छत्तीसगढ़
धरमजयगढ का संघर्ष आख़िरी दौर में
धरमजयगढ़ में भास्कर समूह की कंपनी डीबी पावर लिमिटेड के प्रस्तावित कोयला खनन के ख़िलाफ़ अगली 15 दिसंबर को रैली की शक़्ल में बड़ी जन कार्रवाई होगी। यह रैली 40 गांवों से होकर गुज़रेगी- कंपनी विरोधी लहर को ताज़ा और तेज़ करने का काम करेगी। कोयला मंत्रालय ने दोटूक फैसला सुना दिया है कि अगले साल 31 अप्रैल तक अगर कोयले के खनन का काम नहीं शुरू हो सका तो…
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धरमजयगढ का संघर्ष आख़िरी दौर में
धरमजयगढ़ में भास्कर समूह की कंपनी डीबी पावर लिमिटेड के प्रस्तावित कोयला खनन के ख़िलाफ़ अगली 15 दिसंबर को रैली की…
आदिवासी लडेंगे, पीछे नहीं हटेंगे
जंगसाय कोया गोंड आदिवासी हैं और सरगुजा के निवासी हैं। वे दसवीं के छात्र थे जब 2000 में अलग राज्य बना और ज़मीनों…
छत्तीसगढ़ महतारी की नीलामी का राज्योत्सव
महामहिम राष्ट्रपति ने कल शाम छत्तीसगढ़ की नयी राजधानी नया रायपुर में बने राज्य के नये मंत्रालय भवन और विभागाध्यक्ष भवन का लोकार्पण किया और इसी के साथ राज्योत्सव का समापन हो गया। यहां सब कुछ नया था, शानदार और शंहशाही था। हां, इस जादुई मेले के बाहर सब कुछ ज़रूर वही पुराना था- भुखमरी और ग़रीबी का नज़ारा, कल्याणकारी सरकर की ज़्यादतियों और बेदिली के…
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छत्तीसगढ़ को लूटने का राज्योत्सव
अदम के शेरअदम का मतलब है वंचित। अदम गोंडवी सचमुच पूरी उम्र अभाव और ग़रीबी में जिये- अदम थे, अदम ही रहे। वे कुल…
उद्योगों के लिए खेती पर हमला
छत्तीसगढ़ में खेती संकट में है। नदी और जंगल भी संकट में है। लोगों की हालत बहुत पतली है, लगातार और पतली होती जा रही…
श्रम शक्ति की लूट के बग़ैर कोई मुनाफ़ा मुमकिन नहीं
सस्ते श्रम के दोहन से शुरू होता है लूट, भ्रष्टाचार और विस्थापन और जो अंतत: पूंजी और संसाधनों का केंद्रीयकरण करता है। इस प्रक्रिया को सहज बनाने के लिए ही मजदूर आंदोलन को विभिन्न मुद्दों को लेकर जारी जन संघर्षों से काट देने और उसे मजदूरों के आर्थिक संघर्षों तक सीमित कर देने की राजनीति को हवा दी जाती है। मजदूरों और उनके जुझारू नेतृत्व को इसे समझना…
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मज़दूरों की सुरक्षा की आपराधिक अनदेखी
प्रगतिशील सीमेंट श्रमिक संघ के अध्यक्ष भगवती साहू उद्योग प्रभावित किसान संघ में भी सक्रिय हैं। अभी वह साढ़े तेरह…
सुनिये क़रीब आती बदलाव की आहट…
श्रमिक के चुनिंदा शेरउम्र की तीन चौथाई सदी पार कर चुके शायर कमल किशोर ‘श्रमिक’ कानपुर में ही पैदा हुए, यहीं पले-बढ़े…
उद्योगपतियों की चाकरी में सरकार
राज्योत्सव के तहत आयोजित हुए निवेशकों के दो दिन के मिलन समारोह का कल समापन हो गया। इसी के साथ तय हो गया कि छत्तीसगढ़ के हालात अभी और बिगडेंगे- उद्योगों के लिए किसानों से ज़मीन छीनने और उसके विरोध को कुचलने की सरकारी मुहिम और तेज़ी पकड़ेगी, बर्बरता के नये रिकार्ड क़ायम होंगे। राज्य सरकार का यह पहला ग्लोबल इंवेस्टर्स मीट था और सरकार ने उससे जो उम्मीदें…
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