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दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट का फरमान : इक्कीस राज्यों के दस लाख आदिवासी खाली करें ज़मीन
सुप्रीम कोर्ट ने बीती 13 फरवरी को एक बेहद अहम फैसला सुनाते हुए 21 राज्यों को आदेश दिए हैं कि वे अनुसूचित जनजातियों और अन्य पारंपरिक वनवासियों को जंगल की ज़मीन से बेदखल कर के जमीनें खाली करवाएं। कोर्ट ने भारतीय वन्य सर्वेक्षण को निर्देश दिए हैं कि वह इन राज्यों में वन क्षेत्रों का उपग्रह से सर्वेक्षण कर के कब्ज़े की स्थिति को सामने लाए और इलाका…
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देश भर से दिल्ली में जुटेंगे छात्र-नौजवान, मांगों के साथ घेरेंगे 7 फ़रवरी को संसद
नई दिल्ली: युवा भारत राष्ट्रीय समन्वय समिति देश भर के 50 से ज़्यादा युवा-छात्र संगठनों को एकजुट करने का दावा कर रही…
मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ ट्रेड यूनियनों की देशव्यापी हड़ताल; 8-9…
भाइयों/बहनों
केंद्र की मोदी सरकार ने अपने साढ़े चार साल के कार्यकाल में देशी-दिवेशी कॉर्पोरेट कंपनियों के पक्ष…
किसान मुक्ति मार्च : AIKSCC ने जारी किया भारतीय किसानों का घोषणापत्र
भारतीय किसानों का घोषणापत्र
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति द्वारा आयोजित ऐतिहासिक किसान मुक्ति मार्च के अवसर पर किसानों की प्रतिनिधि सभा में अंगीकृत
दिल्ली, 30 नवंबर 2018
हम, भारत के किसान,
प्राथमिक कृषि-जिन्सों के उत्पादक;
जिसमें महिला, दलित, घुमन्तू और आदिवासी किसान शामिल हैं;
भूस्वामी, पट्टेदार, बंटाईदार, खेतिहर मजदूर…
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सावधान मोदी सरकार! किसान आ रहे हैं : कृषि विरोधी नीतियों के खिलाफ देश भर के…
29 नवम्बर के मार्च में शामिल किसानों का अभिनंदन करो
30 नवम्बर को संसद मार्ग पर किसान रैली में शामिल हों
दिल्ली 27…
मोदी सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ देश भर के किसानों का दिल्ली कूच 29-30…
नई दिल्ली. 2014 के लोकसभा चुनाव में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी पार्टी भाजपा ने देश के किसानों से…
दिल्ली में फिर होगा किसान आंदोलन : 28 नवंबर को देश भर के किसानों का दिल्ली कूच
नई दिल्ली: देश भर के किसान अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर दिल्ली का रुख करेंगे. अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति के बैनर तले दिल्ली के रामलीला मैदान में दो दिवसीय किसान महासम्मेलन का आयोजन किया गया है. यह सम्मेलन 29 और 30 नवंबर को होगा. समिति के अध्यक्ष वीएम सिंह ने गुरुवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि तीन दिन के इस आंदोलन के दौरान 28 नवंबर को…
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भारत में छाया अघोषित आपातकाल : पत्रकार, वकील, मानवाधिकार कार्यकर्ता सब हुए…
दिल्ली 28 अगस्त 2018। मंगलवार की सुबह कई बुरी खबरें एक साथ लेकर आई। सबसे पहले सुबह साढ़े छह बजे रांची से खबर आई कि…
झारखंड सरकार द्वारा सामाजिक कार्यकर्ताओं पर लगाए फर्जी देशद्रोह के मुकदमे के खिलाफ…
नई दिल्ली, 7 जुलाई 2018 को झारखण्ड भवन, नई दिल्ली के समक्ष झारखण्ड के 20 साथियों के ऊपर फेसबुक में लिखने के कारण…
6 अगस्त हिरोशमा बरसी : परमाणु ऊर्जा से मानवजाति की तबाही की कीमत पर फल रहा साम्राज्यवाद
दुनिया भर में शासक वर्ग परमाणु ऊर्जा की खातिर अपने देश की जनता को तबाही की कगार पर ढकेल रहा है। हिरोशिमा, नागासाकी, चेर्नोबिल और फुकुशिमा, भोपाल इस तबाही का जीता-जागता सबूत है। भारत का शासक वर्ग भी अपने मुनाफे के लिए जब पूरी दुनिया में परमाणु रिएक्टरों का विरोध हो रहा है तब विकसित देशों का परमाणु भार जबरन अपनी देश की जनता पर थोप रहा है। तुहिन देब…
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