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मध्य प्रदेश
जल सत्याग्रह का 24वां दिन : सत्याग्रहियों के पैरों की हालत गंभीर
आज 4 मई को 24 वें दिन जल सत्याग्रह जारी है, स्वास्थ्य बहुत ज्यादा ख़राब हो रहा है पर अपने हक के लिए लड़ने का उत्साह
अभी भी है । निरंतर स्वस्थ ख़राब होने के बावजूद लोगो में लड़ने की शक्ति
बढ़ती जा रही है । नर्मदा बचाओ आन्दोलन की विज्ञप्ति; -
घोगलगाँव में ओम्कारेश्वर डूब प्रभावितों का जल सत्याग्रह 23 दिन बाद भी पुरे उत्साह से जारी रहा।
आज…
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जल सत्याग्रह का 22वां दिन : पानी में मनाया मजदूर दिवस
आज 2 मई को 22 वें दिन जल सत्याग्रह जारी है, पैरों में सुजन, तेज शरीर दर्द, जी मतलाना, पैरों में खुजली ,…
जल सत्याग्रह का 19वां दिन : सरकार-प्रशासन मदमस्त !
जल सत्याग्रह के साथियों को समर्पित अनिल पुष्कर की कवितायें !
मैं उन आवाजों का गुलाम नहीं
जिन्हें रेत…
जल सत्याग्रह के साथियों को समर्पित अनिल पुष्कर की कवितायें !
मध्य प्रदेश की नर्मदा घाटी में ओम्कारेश्वर बाँध विस्थापितों के जल सत्याग्रह के 19 दिन पुरे हो गए. सत्याग्रह कर रहे लोगों के शरीर में गलन शुरू हो गई है, मछलिया उनके शरीर पर हमला करने लगी हैं जल सत्याग्रह के जुझारू साथियों को समर्पित अनिल पुष्कर की कवितायें;
पानी –एक
कहते हैं
जब कुछ नहीं था
पानी था.
और जब
नहीं बचेगा कुछ भी
तब
पानी रहेगा.…
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जल सत्याग्रह का 17वां दिन : जल सत्याग्रहियों की जिंदगी दांव पर !
मध्य प्रदेश की नर्मदा घाटी में ओम्कारेश्वर बाँध विस्थापितों के जल सत्याग्रह के 16 दिन पुरे हो गए .जमीन से उखड़े…
भूमि अधिकार चेतावनी उपवास : 26 से 29 अप्रैल 2015, नीलम पार्क, भोपाल
एकता परिषद के संस्थापक श्री राजगोपाल पी.व्ही. एवं देश के जाने माने सामाजिक कार्यकर्ता दिनाँक 26 से 29 अप्रैल 2015 को धरना एवं उपवास करेंगे। जैसा कि आप जानते है एकता परिषद ने जनादेश 2007 एवं जसत्याग्रह 2012 सहित कर्इ छोटे-बड़े अहिंसात्मक आंदोलनों के माध्यम से भूमिहीनों, आवासहीनों एवं वंचित समुदाय के लिए व्यापक स्तर पर नीति एवं नियम बनाने के लिए…
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नर्मदा घाटी करें पुकार, डूबे नहीं मानव अधिकार…!
गुजरी 11 अप्रैल 2015 से ओंकारेश्वर बाँध में 189 मीटर से ऊपर पानी भरे जाने के विरोध में शुरू हुआ जल…
ओम्कारेश्वर बांध : जल सत्याग्रह चौथे दिन भी जारी, आप का समर्थन !
गुजरी 11 अप्रैल 2015 से ओंकारेश्वर बाँध में 189 मीटर से ऊपर पानी भरना चालू कर दिया
गया है। जिसके विरोध में…
किसान संकट : आसमानी विपदा और सरकारी बेरुखी
भारतीय किसान आसमानी विपदा और सरकारी बेरुखी का एक साथ शिकार बन गया है। मध्यभारत में लगातार तीसरा कृषि मौसम किसानों के लिए कहर बनकर बरपा है। वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार भूमि अधिकार कानून (संशोधन) विधेयक को पारित कराने और म.प्र. की सरकार कृषि साीलिंग कानून को छिन्न भिन्न करने में जुट गई है। चक्की के पाट में पिस रहे किसान को अब फाँसी का फंदा …
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