संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad
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राज्यवार रिपोर्टें

आदिवासियों की बदहाली के संवैधानिक गुनहगार

संविधान में आदिवासियों को मिले विशेष दर्जे को आमतौर पर अनदेखा किया जाता रहा है। मसलन – राज्यपालों को अनुसूचित क्षेत्रों में विशेषाधिकार दिए गए हैं, ताकि वे आदिवासियों की विशिष्ट जीवन पद्धतियों, खान-पान और भाषा आदि को देखते हुए उनके हित में निर्णय ले सकें, लेकिन विडंबना है कि अधिकांश राज्यपाल संविधान के इस प्रावधान से अनजान, अछूते ही रहे हैं।…
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राकेश टिकैत पर हमला : किसान संगठन अपने नेताओं की सुरक्षा का इंतजाम स्वयं करें

राकेश टिकैत पर स्याई फेंके जाने की घटना की न्यायिक जांच कराए कर्नाटक सरकार सुरक्षा उपलब्ध कराने की मांग -डॉ…

पांचवीं अनुसूची क्षेत्रों के राज्यपालों को गृह मंत्रालय का दिशा-निर्देश

दिल्ली 26 मई 2022। पांचवीं अनुसूची के क्षेत्रों (राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, उड़ीसा, गुजरात,…

गुजरात : पार-तापी-नर्मदा नदी लिंक परियोजना के नाम पर आदिवासियों को उजाड़ने की तैयारी!

-विवेक शर्मा वैसे तो इस देश में हमेशा से आदिवासी समाज हाशिये पर रहा है, लेकिन इन दिनों गुजरात में यह समाज भाजपा सरकार की पूंजीवादी नीतियों के कारण बिल्कुल ही गर्त में जाने को मजबूर हो चुका है। आदिवासियों को गुजरात की भाजपानीत सरकार की नीतियों ने इस कदर मजबूर कर दिया है कि वर्तमान में जब समूचा देश गर्मी के प्रकोप, गरीबी, महंगाई जैसी वीभत्स हालातों…
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दिल्ली : लंबे संघर्ष के बाद आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायक को मिला ग्रेच्युटी का हक़

न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति अभय एस. ओका की पीठ ने कहा कि आंगनवाड़ी केंद्र भी वैधानिक कर्तव्यों का पालन करते हैं तथा वे सरकार की विस्तारित इकाई बन गए हैं। पीठ ने कहा कि 1972 (ग्रेच्युटी का भुगतान) कानून आंगनवाड़ी केंद्रों और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायकों पर लागू होगा।
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झारखण्ड : 200 किमी पैदल मार्च कर राजभवन पहुंचे नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज के…

रांची 25 अप्रेल 2022: गुमला-लातेहार टुटूवापानी से करीब 200 किलोमीटर का पैदल मार्च करके नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज…

छत्तीसगढ़ : समर्थन और विरोध के बीच परसा कोल खदान को मंजूरी

 -क्रांती कुमार रावत समर्थन और विरोध के बीच परसा कोल खदान को शासन की मंजूरी खुली तो पर्यावरण सत्यानाश, अटकी तो…

भाजपा हो या कांग्रेस सबकी पसंद अडानी : छत्तीसगढ़ कांग्रेस सरकार ने परसा कोयला खनन परियोजना को दी अंतिम मंजूरी

छत्तीसगढ़ सरकार ने 6 अप्रैल 2022 को सूरजपुर और सरगुजा जिलों में पड़ने वाली परसा ओपनकास्ट कोयला खनन परियोजना के लिए भूमि के गैर-वानिकी उपयोग और कोयला खनन को अंतिम मंजूरी दे दी है। इस कोल ब्लॉक के विकास और संचालन के लिए अडानी समूह के साथ माइंस डेवलपर कम ऑपरेटर (MDO)अनुबंध है। अडानी समूह की वेबसाइट में एमडीयू कंपनी के कार्यों की व्याख्या के अनुरूप…
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