संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad
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हिमाचल प्रदेश

हिमाचल प्रदेश : टाटा के रोप वे के लिए मनाली में हजारों पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलाने की तैयारी

इस तस्वीर को ध्यान से देखिए, यह तस्वीर हिमाचल प्रदेश के मनाली से रोहतांग तक प्रस्तावित पे रोप वे की है। जिन देवदार पेड़ों पर मार्किंग के निशान देख रहे है उन्हें काट कर पे रोप वे बनाया जायेगा है। टाटा की निजी कम्पनी ने पर्यावरण मंत्रालय की अनुमति लिए बगैर ही हजारों पेड़ों को मार्क कर दिया है। टाटा कंपनी-स्की हिमालय के साथ मनाली रोप-वे…
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कोलडैम सत्याग्रह :17 दिनों से जारी है विस्थापित मजदूरों की हड़ताल

हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के बरमाणा स्थित कोलबांध परियोजना में एनटीपीसी के विस्थापित व् प्रभावित कर्मचारी…

सिरसा नदी में न प्राण बचे और न प्राणी : औद्योगिक कचरे ने किया नदी को जहरीला

पिछले कुछ वर्षों में हिमाचल प्रदेश ने स्वयं को विकसित औद्योगिक राज्य की श्रेणी में लाने के लिए अपनी पर्यावरणीय श्रेष्ठता को नजर अंदाज किया। इसका परिणाम यह हुआ है कि वहां का पूरा वातावरण जिनमें नदियां भी शामिल है भयानक रूप से प्रदूषित होती जा रही है। पेश कुलभूषण उपमन्यु की रिपोर्ट जिसे हम सप्रेस से साभार साझा कर रहे है; सिरसा नदी हरियाणा के…
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वनाधिकार के लिए संघर्ष तेज करने का ऐलान : हिमालय नीति अभियान

हिमालय नीति अभियान द्वारा 19-20 सितम्बर 2015 को बिलासपुर में भूमि अधिकार व वन अधिकार कानून पर दो दिवसीय राज्य…

रिकोङ्ग्पिओ में कब्जा हटाओ अभियान के विरुद्ध विशाल विरोध प्रदर्शन

हिमालय नीति अभियान हिमलोक जागृति मंच वन अधिकार संघर्ष समिति किनौर प्रेस विज्ञप्ति रिकोङ्ग्पिओ में कब्जा हटाओ अभियान के विरुद्ध विशाल विरोध प्रदर्शन रिकोङ्ग्पिओ; दिनांक; 25-7-2015 आज किनौर जिला की सभी पंचायतों से 3000 से भी ज्यादा आए किसानों व बागवानों ने जिला मुख्यालय रिकोङ्ग्पिओ में उच्च न्यायालय के आदेशों का तुर्तफुरत पालन करते हुए, वन…
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पर्यावरण के नाम पर वनाधिकार कानून की अनदेखी !

हिमाचल के किसानों द्वारा किए गए नाजायज कब्जे के मसले पर हिमाचल उच्च न्यायालय का 6 अप्रैल 2015 का आदेश पर्यावरण…

होली-बजोली पॉवर प्रोजेक्ट का विरोध कर रहीं 32 महिला आंदोलनकारी गिरफ्तार

हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में होली-बजोली पॉवर प्रोजेक्ट के विरोध में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठी 32 महिलाओं को…

आखिर दिल्ली की प्यास कब बुझेगी?

दिल्ली के निवासियों को ज़िंदा रखने की कीमत हिमाचल के लोग अपनी आजीविका के विनाश और बाँध परियोजनाओं के दुष्प्रभावों के रूप में चुकाने पर मजबूर हैं. दिल्ली की प्यास बुझाने के लिए प्रस्तावित रेणुकाजी बांध परियोजना के जबरर्दस्त विरोध के बावजूद हाल ही में एक और किशाउ बांध परियोजना पर समझौता हुआ हैं जिसका मुख्य उदेश्य दिल्ली को पानी पिलाना हैं. किशाउ…
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