भूमि अधिकार के लिए निकाली पद यात्रा
एक ओर जहां भूमि अधिग्रहण ने लोगों को उनकी जमीनों से उखाड़ दिया है वहीं पटना में ‘भूमि अधिकार आंदोलन’ की ओर से 10 दिनों की एक लम्बी पद्यात्रा का आयोजन वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा किया गया। पदयात्रा की मुख्य मांग थी ‘‘बेघरों को भूमि और बटाईदारों को जोत का हक दो।’’
भूमि सुधार के मसले पर बनी डी0 बंदोपाध्याय आयोग की प्रगतिशील सिफारिशों को लागू करने की मांग को लेकर ‘‘भूमि अधिकार आंदोलन’ के बैनर तले आयोजित इस पद यात्रा के समापन के वक्त पटना के आर ब्लॉक चौराहे पर लगभग 10 हजार लोग मौजूद थे। इसी से इसकी सफलता का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। इसके केन्द्र में दो मुख्य मांगों में बटाईदार प्रथा लागू करने पर जोर रहा। बिहार में 6लाख परिवार बेघर है अन्य अनुमान के मुताबिक उनकी संख्या 17 लाख तक बताई जाती है। इन बेघरो के साथ लालू से लेकर नीतीश सरकार ने वादा खिलाफी की ओर उन्हें न आवास दिया, न पैसा। वहीं दूसरी ओर बटाईदारी का मसला ऐसा है कि उन्हें भूमि के लिए कोई कानूनी हैसियत प्राप्त नहीं है। मालिक जब चाहें उन्हें जमीन से बेदखल कर सकते हैं।
पिछले चुनाव के पूर्व तक बिहार में बटाईदारी और डी. बंधोपाध्याय की सिफारिशों को लागू करने की मांग हावी थी पर जो चुनाव के नतीजों के बाद होता है वही हुआ सरकार बनी और मांग हटी ।
डी.बंदोपाध्याय ने जमीन पर सीलिंग लागू करने एवं भूमि संबंधी आँकड़ों के कम्प्यूटरीकरण करने के बारे में भी अपनी सिफारिश दी थी। इस आयोग का गठन नीतीश सरकार ने 2006 में किया था। आयोग ने यह भी कहा था कि बिहार में ग्रामीण हिंसा का मुख्य कारण भूमिसुधार लागू करने में विफलता है।
अतः ‘भूमि अधिकार आंदोलन’ द्वारा आयोजित इस इस पद यात्रा ने निम्नलिखित मांगों से सरकार को अवगत कराया-
- बेघरों को 10 डिसमिल जमीन दी जाए।
- बटाईदारों को जोत का कानूनी हक दिया जाय।
- तमाम पट्टाधारी किसानों को कब्जा दिलाया जाए।
- आम भूमिहीनों को भूमि का अधिकार दिया जाए
- किसानों खास कर छोटे किसानों को कृषि यंत्रों और खेती के लिए अन्य साधन- सुविधायें मुहैया करायी जायँ।
- भूमिहीनों के बीच वितरित जमीन का दाखिल खारिज शीघ्र किया जाय।
इन मांगो के साथ पद यात्रा का भारी जन समर्थन के साथ समापन किया गया। इस अवसर पर विशाल संकल्प सभा का भी आयोजन किया गया जिसमे शहर के बुधीजीवियो और अकादमिक जगत के लोगों ने भाग लिया। इनमें प्रख्यात सर्वोदयी नेता रामजी सिंह, सुप्रसिद्व समाजशास्त्री एम. एन. कर्ण, पटना विश्वविधालय के अर्थशास्त्र के चर्चित प्रोफेसर नवल किशोर चौधरी, जय प्रकाश आन्दोलन के चर्चित कार्यकर्ता अख्तर हुसैन, प्रदीप प्रियदर्शी, रामचंद्र चौधरी, कपिलेश्वर राम आदि प्रमुख थे। पद यात्रा के आयोजन कर्ताओं ने मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भी सौंपा। इस पद यात्रा से लोगो के बीच उत्साह और उम्मीदें हैं कि सरकार उनकी माँगें पूरी करेगी।