नकद नहीं, खाद्यान चाहिए
केंद्र व राज्य सरकारें अपने सलाहकारों की बेहूदी सलाहों को मानते हुए लगातार जनविरोधी निर्णय ले रही हैं। सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के बजाय खातों में सीधे नकद हस्तांतरण से भारत की आबादी का बड़ा हिस्सा भूखे रहने को मजबूर हो जाएगा। इसकी बानगी चंडीगढ़ में दिखाई भी दे गई है। क्या सरकार इससे सबक लेगी ? सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के लिए खातों…
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उत्तराखण्ड जन आंदोलनों की धरती है और इस परंपरा का निर्वाह निरंतर जारी है
उत्तराखण्ड बनने के साथ ही जल-जंगल-जमीन की लूट का खेल भी प्रदेश में शुरू हो गया था. राज्य की…
पी.सी. तिवारी का हरीश रावत को जेल से खुला पत्र
''यदि वक्त मिला और आपके संरक्षण में पल रहे जिंदल और उसके गुण्डों से मैं और मेरा परिवार सुरक्षित रहा तो जरूर मैं…
राष्ट्रपति से मध्य प्रदेश के आदिवासियों ने की संरक्षण या मौत का रास्ता बताने की अपील
मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के चिचोली ब्लाक के कामठा माल और बोड पंचायत के उमरडोह बसाहट को 19 दिसम्बर को वन, राजस्व और पुलिस विभाग ने पूरी तरह उजाड़कर उनकी पूरी फसल बर्बाद कर दी | 200 लोगों की टीम ने खाकी वर्दी के गुंडे बन ऐसी कार्यवाही की, जैसे दुश्मन देश की सेना ने हमला कर दिया हो: उनकी खडी फसल पर जे सी बी चला दिया; फलदार…
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रोहित की ज़िंदगी : परतदार दर्द की उलझी हुई दास्ताँ
सुदीप्तो मंडल, हिंदुस्तान टाइम्स, गुंटूर/हैदराबाद. 27 जनवरी, 2016
अनुवादः रश्मि शर्मा
रोहित वेमुला की कहानी…
खण्डधार पहाड़ियों-झरनों को कॉरपोरेट से बचाने की लड़ाई तेज
बीती 26 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब दिल्ली से समूचे देश को गणतंत्र का पाठ पढा रहे थे, ठीक उसी वक्त…
‘जवाबदेही यात्रा‘ पर हमला : जवाबदेह कौन !
राजस्थान में जन अधिकारों को लेकर प्रशासन व शासक को आगाह करने के उद्देश्य से निकाली जा रही सौ दिवसीय ‘‘जवाबदेही यात्रा‘‘ पर किया गया हमला साफ दर्शा रहा है कि राजस्थान सरकार और तमाम भ्रष्ट राजनीतिज्ञ जनता से आँख मिलाने से डर रहे हैं और इस तरह की कायराना हरकत पर उतर आए हैं। पेश भारत डोेगरा का सप्रेस से साभार आलेख;
लो कतंत्र की सफलता के…
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संघर्ष के आगे झुकी सरकार : मिल रहा जमीन का अधिकार
संघर्ष के आगे झुक रही सरकार, मिल रहा जमीन का अधिकार
सुगट व ककराना के 8 विस्थापितों को 5-5 एकड जमीन का…
बुंदेलखंड : संकट में उम्मीद का सहारा
देश के सबसे केंद्र में स्थित बुंदेलखंड सूखा व ओलावृष्टि से लगातार प्रभावित हो रहा है। पिछले डेढ़ दशक…
महेश्वर परियोजना : पूरा घूमा मिथ्याचक्र
एस कुमार्स द्वारा महेश्वर जलविद्युत परियोजना के क्रियान्वयन में अनियमितताएं, हजारों करोड़ रु. व प्राकृतिक संसाधनों की बर्बादी के साथ ही साथ हजारों हजार निवासियों को अपने घरों से बेदखल कर दिया गया है। अब उससे यह परियोजना छीन ली गई है। गौरतलब है यह देश की निजी क्षेत्र की पहली जलविद्युत परियोजना थी। विषय विशेषज्ञ एवं नर्मदा बचाओ आंदोलन पहले दिन से…
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