संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

भूमि की कॉर्पोरेट लूट के विरोध में संघर्ष तेज करने का ऐलान : किसान संघर्ष समिति

खेती बचाओ- संविधान-बचाओ-यात्रा का सिंगना में भव्य स्वागत किसान संघर्ष समिति द्वारा 8 दिसम्बर को मुलताई से शुरू की गई खेती बचाओ संविधान बचाओ यात्रा 13 दिसम्बर 2015 को छिन्दवाड़ा जिले के गांव सिंगना पहुंची, जहां छिन्दवाड़ा के किसान संघर्ष समिति के कार्यकर्ताओ द्वारा यात्रा का भव्य स्वागत किया गया। उपस्थित किसानो को संबोधित करते हुए…
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खेती बचाओ- संविधान-बचाओ-यात्रा का सिंगना में भव्य स्वागत

किसान संघर्ष समिति द्वारा 8 दिसम्बर को मुलताई से शुरू की गई खेती बचाओ संविधान बचाओ यात्रा 13 दिसम्बर 2015 को…

डॉक्टर ब्रह्मदेव शर्मा नहीं रहे

पेशे से भारतीय प्रशासनिक सेवा(आईएएस) के अधिकारी, शिक्षा से गणित में पीएचडी लेकिन ज़िंदगी भर आदिवासियों की लड़ाई लड़ने के कारण शोहरत पाने वाले डॉक्टर ब्रह्मदेव शर्मा नहीं रहे। मध्य प्रदेश काडर के सेवा निवृत्त आईएएस अधिकारी डॉ. बीडी शर्मा का रविवार रात देहांत हो गया। वे ग्वालियर में अपने घर पर दोनों बेटों और पत्नी के साथ । एक साल से वे बीमार थे और…
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भारत-जापान परमाणु समझौते के विरोध में खड़े हो रहे आदिवासी, किसान मछुआरे

जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे 11 से 13 दिसम्बर 2015 को तीन दिनों की यात्रा पर भारत आएँगे। इस दौरान उनके बनारस…

वनाधिकार दिवस पर चेतावनी रैली; नई दिल्ली, 15 दिसम्बर 2015

वनाधिकार दिवस पर चेतावनी रैली, नई दिल्ली 15 दिसम्बर 2015 भूमि अधिकार आंदोलन के बैनर तले वनाधिकार दिवस के मौके पर चेतावनी रैली संसद की ओर मार्च जंतर-मंतर, नई दिल्ली समय: सुबह 11 बजे से 4 बजे सायं वन व अन्य प्राकृतिक संपदा पर वनाश्रित समुदायों के स्वतंत्र एवं पूर्ण अधिकार का विषय वनाधिकार आंदोलन में हमेशा से प्रमुख रहा है। अंग्रेज़ी राज…
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राष्‍ट्रीय सम्मेलन : समाज-संसाधन-संविधान बचाओ; 6 दिसम्‍बर 2015, नयी दिल्ली

26 जनवरी 2015 को प्रकाशित एक सरकारी विज्ञापन (संख्‍या-डीएवीपी 22201/13/0048/1415) में संविधान की प्रस्‍तावना के…

फुकुशिमा अब और नहीं : भारत-जापान परमाणु समझौते का विरोध करें !

जापान के प्रधानमंत्री श्री शिंज़ो आबे की आगामी भारत-यात्रा के दौरान परमाणु डील होने की खबर है जिसका भारत और जापान…

देवभूमि में दहक रही है बग़ावत की ज़मीन

जिंदल के प्रेम में अंधे हो चुके हरीश रावत को कुछ नहीं दिख रहा ढलते नवंबर की एक ढलती हुई शाम उस गांव में शादी थी, लेकिनउसका पंडाल हाइवे से थोड़ी ऊंचाई पर वीरान पड़ा था। सड़क किनारे अचानक झुटपुटे में सुलग आई मशालों ने उसकी चमक फीकी कर दी थी। क्या बाराती और क्याच दूल्हाट, सब के सब गांव वालों के साथ सड़क किनारे एक दूसरे पंडाल में इकट्ठा थे।…
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