गोरखपुर परमाणु संयंत्र के विरोध में तीन दिवसीय यात्रा
हरियाणा के फतेहाबाद जिले के गोरखपुर गाँव में प्रस्तावित गोरखपुर परमाणु प्लांट के विरोध में देश व प्रदेश के सभी जनसंगठन व परमाणु वैज्ञानिक जो परमाणु ऊर्जा के खिलाफ आंदोलनरत है। वो आगामी 9 मार्च से लेकर 11 मार्च 2014 तक हरियाणा के विभिन्न जिलों में जाकर परमाणु खतरों से नागरिकों को जागरूक करेगे।
आंदोलनकारियों की यह यात्रा 9 मार्च 2014 को सुबह छोटू…
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चुटका परमाणु प्लांट के विरोध में भोपाल एवं दिल्ली में दस्तक !
विकास चाहिए, विनाश नहीं
नर्मदा घाटी करे सवाल, जीने का हक या मौत का जाल ?
गुजरी 17 फरवरी 2014 को मध्य प्रदेश सरकार…
दलित आर्थिक अधिकार यात्रा : अनुसूचित जाति उपयोजना को लागू करों !
उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के चार ब्लाकों में दलित अधिकार आंदोलन तथा नेशनल कैम्पेन ऑन दलित ह्यूमन…
महान जंगल बचाने के लिए सत्याग्रह का एलान
सिंगरौली, 24 फरवरी 2014। महान संघर्ष समिति ने घोषणा किया है कि वे लोग पर्यावरण व वन मंत्रालय के द्वारा दूसरे चरण का पर्यावरण क्लियरेंस देने के बावजूद महान जंगल को एस्सार द्वारा कोयला खदान के लिए खत्म नहीं होने देंगे। वीरप्पा मोईली द्वारा यह क्लियरेंस सदियों से अपनी जीविका के लिए महान जंगल पर निर्भर लोगों के अधिकारों को रौंद कर दिया गया है।
अब…
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चुटका परमाणु ऊर्जा परियोजना : लाठ्ठी एवं बंदूक के साये में जनसुनवाई की नौटंकी
चुटका परमाणु विद्युत परियोजना पर 17 फरवरी 2014 को मानेगांव, जिला-मण्डला (मध्य प्रदेश) में बंदूक के साये में…
पोस्को और राज्य सत्ता को कड़ी टक्कर देते ग्रामीण
गुजरी 16 फरवरी, 2014 को उड़ीसा के जगतसिंगपुर के नुआगांव के स्थानीय लोगों ने पोस्को के विरोध में एक बड़ी कार्यवाही…
आखिर दिल्ली की प्यास कब बुझेगी?
दिल्ली के निवासियों को ज़िंदा रखने की कीमत हिमाचल के लोग अपनी आजीविका के विनाश और बाँध परियोजनाओं के दुष्प्रभावों के रूप में चुकाने पर मजबूर हैं. दिल्ली की प्यास बुझाने के लिए प्रस्तावित रेणुकाजी बांध परियोजना के जबरर्दस्त विरोध के बावजूद हाल ही में एक और किशाउ बांध परियोजना पर समझौता हुआ हैं जिसका मुख्य उदेश्य दिल्ली को पानी पिलाना हैं. किशाउ…
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आगरा – लखनऊ एक्सप्रेस वे खिलाफ जनसंगठनों की लामबंदी तेज
गुजरी 11 फरवरी, 2014 को बसपा, कांग्रेस और भाकियू ने उत्तर प्रदेश के चौपुला में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे के विरोध…
आखिर किसानों के दर्द को कौन समझेगा ?
देश की राजधानी से मुश्किल से 50 कि.मी. की दूरी (जिला कलैक्ट्रेट परिसर, गौतमबुद्ध नगर) पर किसान अपनी ज़मीन बचाने…
महान कोल ब्लॉक को पर्यावरण मंजूरी : नियमों का उल्लंघन
नियमों का उल्लंघन करते हुए मोईली ने महान को पर्यावरण क्लियरेंस दिया
एस्सार-हिंडाल्को के पक्ष में नीचे गिरते हुए मोईली ने महान को दूसरे चरण की मंजूरी दी।
मध्य प्रदेश के सिंगरोली में महान संघर्ष समिति और ग्रीनपीस पिछले कई वर्षों से एस्सार व हिंडाल्कों के संयुक्त उपक्रम महान कोल लिमिटेड को प्रस्तावित कोयला खदान को रद्द करने की माँग को लेकर…
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