संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad
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‘जीएम’ बासमती

निर्यात हेतु ‘जीएम’ बासमती नहीं, देशवासियों के लिए ‘जीएम’ सरसों क्यों?

खेती में अनेक सरकारी हस्तक्षेपों की तरह ‘जीन-संवर्धित’ बीजों को लाने के पीछे भी उत्पादन बढ़ाने का बहाना किया जा रहा है, लेकिन क्या बिना जांच-पड़ताल के किसी अज्ञात कुल-शील बीज को खेतों में पहुंचाना ठीक होगा? सरसों और धान में हाल में यही किया जा रहा है। प्रस्तुत है, ‘जीएम’ बीजों को लाने की जिद को उजागर करता राजेंद्र चौधरी का यह लेख; अक्तूबर 2022…
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