भारत के आदिवासियों को उनके जंगल से बेदखल करने वाले सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ विरोध प्रदर्शन; 2 मार्च को
साथियों,
सुप्रीम कोर्ट ने 13 फरवरी को एक ऐसा आदेश जारी किया है जो संभवतः आजाद भारत के इतिहास में आदिवासियों के खिलाफ तंत्र की तरफ से सबसे बड़ी कार्यवाही साबित होगी। सुप्रीम कोर्ट ने 16 राज्यों के 10 लाख से अधिक आदिवासी और वनवासी परिवारों को जंगलों से बेदखल करने का आदेश दिया है। न्यायालय के आदेशानुसार यह कार्य मामले की अगली तारीख यानी 27 जुलाई से पहले किया जाना है।
आदिवासियों का जंगल से रिश्ता बहुत गहरा है। उनकी अस्मिता और अस्तित्व जंगल, नदी, पहाड़ से ही परिभाषित होता है। इसलिए जब भी किसी बाहरी ने उन्हें जंगल से बेदखल करने की कोशिश की है, आदिवासियों ने हमेशा विद्रोह किए है
आदिवासियों का अस्तित्व खत्म करने की कोशिश पहले भी हुई हैं। अपने संघर्षों के माध्यम से उन सबसे आदिवासियों ने खुद को बचाया है। अब हमले का स्वरूप बदल चुका है। हमले को पढे-लिखे मध्यवर्गीय लोगों से लेकर न्यायपालिका की सहमति प्राप्त है। इसलिए निश्चिततौर पर इसका सामना करना आदिवासियों के लिए चुनौतीपूर्ण होगा।
साथियो जिस तरह हमारे पूर्वजों में इतनी लड़ाई लड़ी थी उसके बावजूद भी हम उनके द्वारा बचाये जंगल जमीन नहीं बचा पा रहे है ।
सो आने वाली नस्लों का क्या होगा।
इसीलिए
दिल्ली में जॉइंट आदिवासी युथ फोरम और आदिवासी मंच द्वारा संसद घेराव किया जा रहा है उसमें BTP का समर्थन है और यहाँ से अधिक अधिक संख्या में साथी दिल्ली के लिए रवाना होंगे आप सभी से निवेदन है आप भी इस बात को लेकर विचार करे और अन्य साथियों के साथ दिल्ली जाने को तैयार रहे*।
नोट: सभी साथी 1 मार्च को 4 बजे से पहले उदयपुर रेलवे स्टेशन पर पहुचे यहाँ से ट्रेन द्वारा सभी साथी दिल्ली के लिए प्रस्थान करेंगे
पहचान पत्र साथ अवश्य लावे
भारतीय ट्राईबल पार्टी उदयपुर
संपर्क :
कोटड़ा झाड़ोल
जिला अध्यक्ष
अधिक जानकारी के लिए अमृत बोड़ात +91 85110 26416