संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

‘पत्थलगड़ी’ को लेकर झारखंड में आखिर राजनीती क्यों ?

पत्थलगड़ी उन पत्थर स्मारकों को कहा जाता है जिसकी शुरुआत इंसानी समाज ने हजारों साल पहले की थी। यह एक पाषाणकालीन परंपरा है जो आदिवासियों में आज भी प्रचलित है। माना जाता है कि मृतकों की याद संजोने, खगोल विज्ञान को समझने, कबीलों के अधिकार क्षेत्रों के सीमांकन को दर्शाने, बसाहटों की सूचना देने, सामूहिक मान्यताओं को सार्वजनिक करने आदि उद्देश्यों की…
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