संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

मध्य प्रदेश : बसनिया बांध की वापसी

कुछ साल पहले कतिपय बांधों को निरस्त कर देने की मध्यप्रदेश सरकार की घोषणा ने नर्मदा घाटी के रहवासियों को राहत दी थी, लेकिन अब दी गई प्रशासनिक स्वीकृति ने उन्हें फिर चिंता में डाल दिया है। बड़े बांधों को बनाने की सरकारी जिद सत्तर के दशक से घाटी में हाहाकार मचा रही है, जबकि उनसे गिनाए गए लाभ आज तक कारगर नहीं हो सके हैं। प्रस्तुत है, फिर स्वीकृत किए गए…
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परमाणु ऊर्जा में विदेशी पैसा

डेढ़ दशक पहले अमरीका के साथ होने वाले जिस परमाणु समझौते को लेकर तब की मनमोहन सिंह सरकर गिरने-गिरने को हो गई थी, आज…

मध्य प्रदेश : ‘पेसा कानून’ के बरक्स बसनिया बांध

आज के विकास की मारामार में सरकारें और कंपनियां उन कानूनों तक को अनदेखा कर रही हैं जिन्हें बाकायदा संसद में पारित किया गया है। इन कानूनों के मैदानी अमल के लिए बनाए जाने वाले नियमों में, मूल कानून की भावना को तोड़-मरोड़कर राज्य सरकारें उन्हें अपनी तरफ कर लेती हैं। प्रस्तुत है,  मध्यप्रदेश के मंडला जिले के बसनिया बांध में की गई इसी तरह की गफलत को…
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मध्य प्रदेश : पेसा नियमों को लेकर 26 साल बाद भी आदिवासियों के सामने असमंजस की…

मध्य प्रदेश सरकार राज्य पेसा नियम बनाने को लेकर कितनी गंभीर है, इसका पता 27 अगस्त 2022 के दैनिक भास्कर में छपी खबर…

पांचवीं अनुसूची क्षेत्रों के राज्यपालों को गृह मंत्रालय का दिशा-निर्देश

दिल्ली 26 मई 2022। पांचवीं अनुसूची के क्षेत्रों (राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, उड़ीसा, गुजरात, महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, आंध्रप्रदेश और तेलंगाना) में राज्यपालों द्वारा अपने संवैधानिक अधिकारों का समुचित पालन नहीं करने के कारण गृह मंत्रालय द्वारा 29 अप्रैल 2022 को राज्यपालों को एक दिशा निर्देश जारी किया गया है। पांचवीं अनुसूची के…
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नर्मदा जल के अंतहीन दोहन से बचेगी नर्मदा?

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रामनवमी के अवसर पर चित्रकूट में घोषणा किया कि नर्मदा से जोड़कर मंदाकिनी नदी को…

मध्य प्रदेश सरकार का ग्राम सभाओं को कमजोर करना आदिवासियों के संवैधानिक मूल्यों का…

केन्द्रीय पेसा कानून, न्यायालयों के आदेश और संवैधानिक प्रावधानों के बावजूद मध्य प्रदेश सरकार ने अनुसूचित क्षेत्रों…

मध्य प्रदेश : ‘पेसा’ से उलट ‘पेसा’ के नियम

मध्य प्रदेश सरकार को करीब ढाई दशक पहले संसद में पारित ‘पेसा कानून’ की अब जाकर सुध आई है। पांच महीने पहले ‘पेसा’ के नियम-कानूनों का दस्तावेज तैयार करके उस पर संबंधित विभागों की राय मांगी गई, लेकिन इन नियम-कानूनों पर आम जनता, आदिवासी और व्यापक समाज की राय जानने के लिए इसे सार्वजनिक नहीं किया गया। ‘पेसा’ के नियम-कानूनों के सरकारी दस्तावेज में आखिर…
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