संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

भोपाल गैस पीड़ित : अंतर्राष्ट्रीय समर्थकों ने शुरू किया हस्ताक्षर अभियान, आप भी एक लाख हस्ताक्षर जुटाने में मदद करें ताकि अमेरिकी सरकार जवाब दे

भोपाल गैस पीड़ितों के समर्थकों के बयान  

30 साल बाद भी भोपाल गैस हादसे का कानूनी हल न होने की वजह से हादसे के पीड़ितों को लम्बे समय तक गम्भीर पीड़ा झेलनी पड़ रही है। 2012 में अमरीकी न्याय मंत्रालय ने डीपवॉटर होराइज़न हादसे में 11 व्यक्तियों की मौत के लिए बी.पी. कंपनी से 400 करोड़ डॉलर का आर्थिक दण्ड वसूला था।

यूनियन कार्बाइड के मालिक डाव केमिकल से इंसाफ़ के लिए भी अमरीकी सरकार को उतनी ही सक्रिय भूमिका अदा करनी चाहिए – गैरी कोहेन – हेल्थ केयर विदाउट हार्म के संस्थापक और 2013 में ‘बदलाव के चैंपियन’ अमरीका के राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत अमरीका की सरकार अगर चाहे तो डाव को सही रास्ते पर ला सकती है पर यह न करते हुए न्याय मंत्रालय पिछले 25 साल से डाव और यूनियन कार्बाइड को उसकी जिम्मेदारियों से बचा रही है और अब डाव केमिकल और डुपोंट के विलयन होने की बात चल रही है। इस वक्त अगर हम चुप रहे तो एक बार फिर कम्पनी की जिम्मेदारियों को भुला दिया जाएगा ।

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अपील पर यहां हस्ताक्षर करें

भोपाल में 1984 के यूनियन कार्बाइड हादसे के पीड़ितों के पाँच संगठनों के नेताओं ने 17 मई 2016 को एक पत्रकार वार्ता में यूनियन कार्बाइड के मालिक डाव केमिकल 13 जुलाई, 2016 भोपाल की जिला अदालत में हादसे पर जारी आपराधिक प्रकरण में हाज़िर कराने के लिए उनके अंतर्राष्ट्रीय समर्थकों द्वारा शुरू किए गए एक हस्ताक्षर अभियान पर बात की।

अमरीकी वाइट हॉउस (राष्ट्रपति कार्यालय) की वेबसाइट https://petitions.whitehouse.gov पर भोपाल में इंसाफ़ के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुहिम नॉर्थ अमेरिका द्वारा प्रस्तुत ज्ञापन में अमरीकी न्याय मंत्रालय (डिपार्टमेंट ऑफ़ जस्टिस) से यह माँग की गई है कि वह भोपाल जिला अदालत में जारी आपराधिक प्रकरण में डाव केमिकल को हाज़िर होने के नोटिस को तामील करे।

संगठनों के अनुसार अमरीकी सरकार से इस ज्ञापन का औपचारिक जवाब हासिल करने के लिए जून 15, 2016 से पहले 1 लाख व्यक्तियों के हस्ताक्षर जुटाने होंगें। उन्होंने कहा कि अब तक 3500 से ज़्यादा लोगों ने ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। संगठनों के नेताओं ने कहा कि ज्ञापन लॉन्च करने के सिलसिले में सोशल मीडिया पर छेड़े गए अभियान की वजह से डाव केमिकल के सी.ई.ओ. एंड्रू लिवेरिस को अपना ट्विटर अकाउंट प्रायवेट करना पड़ा है।

संगठनों का यह मानना है कि भारत के गृह मंत्रालय द्वारा अब तक भेजे गए भोपाल जिला अदालत के 4 नोटिसों को तामिल न कराकर अमरीकी न्याय मंत्रालय भारत और अमरीका के बीच की 11 साल पुरानी म्यूच्यूअल लीगल एसिस्टेंस ट्रीटी [पारस्परिक विधिक सहायता सन्धि] का उल्लंघन कर रही है |

संगठनों ने बताया कि उनके समर्थकों ने ग्रीनपीस, पेस्टिसाइड एक्शन नेटवर्क और एमनेस्टी जैसे अमरीकी पर्यावरण और मानव अधिकार संगठनों तथा ए.एफ.एल.-सी.आई.ओ. जैसे राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन तथा अन्य संगठनों के ज्ञापन के लिए समर्थन हासिल कर लिया है। भोपाल गैस पीड़ितों के संगठनों के अनुसार मशहूर अमरीकी नागरिक इस ज्ञापन का समर्थन कर रहे है जिनमें गैरी कोहेन जिन्हें अमरीका के राष्ट्रपति ने 2013 में ‘बदलाव के चैंपियन’ के खिताब से नवाज़ा, हॉलीवुड के मशहूर अभिनेता और समाजिक कार्यकर्ता मार्टिन शीन और एम.आई.टी. के प्रोफ़ेसर तथा विश्वविख्यात बुद्धिजीवी नोआम चोम्स्की ने इस ज्ञापन को समर्थन दिया है। संगठनों ने यह आशा जाहिर की कि इस ज्ञापन से बने दबाव की वजह से अमरीकी न्याय मंत्रालय डाव केमिकल पर नोटिस तामिल करेगी और उसे भोपाल अदालत में यह बताना होगा कि वह फ़रार क़ातिल यूनियन कार्बाइड को पनाह क्यों दे रही है।

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