संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

राजस्थान : बेखौफ अवैध खनन, माफियाओं के खिलाफ खान सुरक्षा महानिदेशालय पर प्रदर्शन

अजमेर, 30 अगस्त। खान सुरक्षा नियमों की परवाह किये बिना बेखौफ अवैध खनन व विस्फोटों से कोटपुतली तहसील के गॉव शुक्लावास, पिंचाणी, पवाना (अहीर) कल्याणपुरा, फतेहपुरा, रूपपुरा (स्थल), ढाणी चोक्या (बुचारा) आदि क्षेत्रों की सभी खानों के आबादी क्षेत्र में संचालित होने तथा हैवी ब्लास्टिंग व हैवी अर्थमूवर्स से जन-जीवन अस्त-व्यस्त बना हुआ है। हैवी विस्फोटों एवं हैवी अर्थमूवर्स को आबादी क्षेत्र से हटाये जाने के लिये कोटपुतली तहसील के प्रभावित गॉवों के 150 से अधिक लोगों ने एकजुट होकर खान सुरक्षा महानिदेशालय कार्यालय अजमेर, के बाहर धरना देकर अपने हक की आवाज बुलन्द की।


धरना कार्यक्रम में अध्यक्षता करते हुए पी.यू.सी.एल. राजस्थान के सचिव कैलाश मीणा ने खान सुरक्षा महानिदेशक महोदय को सम्बोधित करते हुए पीड़ित व प्रभावित गॉवों की स्थिति बताई कि सरकार व खान निदेशालय से पूर्व में हैवी विस्फोट एवं हैवी अर्थमूवर्स को संचालित नहीं करने के आदेष दिये गये थे परन्तु गत वर्ष पुनः हैवी ब्लास्टिंग एवं हैवी अर्थमूवर्स कार्य करने के आदेश देकर अपने दोहरेपन का उदाहरण दिया है।

वर्तमान में निरन्तर हैवी ब्लास्टिंग तथा हैवी अर्थमूवर्स के चलते बच्चों की शिक्षा बाधित तो हो ही रही है साथ ही बच्चों, महिलाओं, पुरूषों एवं बुजुर्गो के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। गॉव में अधिकांशतः टी.बी., दमा, सिलिकोसिस, कैन्सर जैसी जानलेवा बिमारियों ने पैर पसार रखे है। आम जन-जीवन भी अस्त-व्यस्त हो रहा है। गॉवों के अधिकांश मकानों में दरारें पड़ रही है जो कि आकस्मिक हादसों का कारण बन रहे है। माईनिंग से बने गड्डों से गॉवों में आवाजाही आकस्मिक हादसे एवं दुर्घटना उत्पन्न करने वाले बने हुए है।

राज्य उपाध्यक्ष डी. एल. त्रिपाठी ने सभी उपस्थित लोगों को बताया कि यह अधिकारियों एवं सरकार की मिलिभगत है कि वे अपने स्वार्थ के लिए गरीब जनता के हितों का हनन कर रही है। सुप्रीम कोर्ट के आदेषों के विरद्ध कार्रवाई करती है। सुपीम कोर्ट के आदेशानुसार भूमि अधिग्रहण अथवा प्रभावित नागरिकों को आवास के बदले आवास, रोजगार के बदले रोजगार, जमीन के बदले जमीन उपलब्ध कराने के पष्चात् तथा आदेश मिलने के पष्चात् कार्रवाई करे मगर इसके विपरीत ही देखने को मिलता है।

राज्य महासचिव डॉ अनन्त भटनागर ने कहा कि यह सभी संगठनों की लड़ाई है। सभी संगठनों को एकजुट होकर प्रत्येक नागरिक के अधिकारों की सुरक्षा के लिए आवाज बुलन्द करनी होगी। हम सभी संगठनों को प्रत्येक विभागीय हठधर्मिता को नकारते हुए उनसे जबाब मांगते है कि प्रत्येक नागरिक के अधिकार सुरक्षित किये जाये अन्यथा ऐसे आन्दोलन तब तक जारी रहेंगे जब तक हमारी मांगों पर समुचित फैसला नहीं सुनाया जायेगा।

राधेष्याम शुक्लावास समाजसेवी कोटपुतली ने ग्रामीण जनता की दयनीय परिस्थितियों को बताते हुए खान सुरक्षा निदेषक महोदय को सम्बोिधित करते हुए बताया कि पिछले दो वर्षो से माइनिंग एवं हैवी ब्लास्टिंग तथा हैवी अर्थमूविंग के चलते 8 ग्रामीणों की मृत्यु हो गई है। अधिकांषतः गॉव से पलायन कर गये है तथा जो शेष बचे हुए है उन्हें आकस्मिक हादसों का भय निरन्तर सता रहा है। गॉवों में आये दिने रात्रीकालीन विस्फोंटों से सभी ग्रामीण निरन्तर भय के साये में अपना जीवन व्ययतीत कर रहे है।

पी.यू.सी.एल. सदस्य केशवराम सिंघल ने कहा कि आज के राजनितिक परिवेष एवं अफसरशाही को देखते हुए जायजा लिया जा सकता है कि यह देश के लोकतंत्र की समाप्ति का खतरा है। इस प्रकार की दोहरेपन की राजनीति एवं अधिकारियों की मनमानी के विरोध में निरन्तर जन-आन्दोलन करने से भी कोई उचित समाधान नहीं निकलने की दषा में भारत जैसा लोकतांत्रिक देष का भी सीरिया व अन्य आक्रामक देशों की भाति खुलेआम कत्लेआम पर मजबूर होना तय है।

धरना कार्यक्रम में अंजु नयाल, सोनिया, सिस्टर अलवीना, प्रतापसिंह, दशरथ सिंह, आदि ने भी आबादी क्षेत्र में संचालित हो रहे खानों द्वारा अवैध खनन, हैवी विस्फोटों एवं हैवी अर्थमूवर्स कार्य होना मानवाधिकारों का हनन बताया तथा किसी भी सूरत में बर्दाष्त नहीं किये जाने एवं निरन्तर आन्दोलन करने की वकालत की।
सभी प्रभावित गॉवों के प्रतिनिधियों ने अपने गॉवों की परेषानियों की लिखित षिकायत ज्ञापन के रूप में नवनियुक्त खान सुरक्षा निदेशक श्री अरविन्द कुमार जी को सौंपा। निदेशक महोदय द्वारा शिकायतों पर उचित निर्णय लिये जाने का आष्वासन दिया गया।

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