संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad
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पर्यावरण 

जोशीमठ त्रासदी : अगली पीढ़ी के वृक्ष

अपने रहन-सहन और बसाहट के लिए समाज पर्यावरण में हस्तक्षेप करता है, कई बार इसके नतीजे दुखद भी होते हैं, लेकिन आमतौर पर वही समाज इसे दुरुस्त भी कर लेता है। प्रस्तुत है, करीब पांच दशक पहले जोशीमठ में ही घटी त्रासदी पर ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ समूह की तत्कालीन साप्ताहिक समाचार-पत्रिका ‘दिनमान’ (27 जून – 3 जुलाई 1976) में छपा अनुपम मिश्र का यह आलेख, संपादित कर…
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पांच राज्यों में चुनाव : खारिज होता पर्यावरण 

पांच राज्यों  में होने जा रहे विधानसभा चुनावों में मतदाताओं को लुभाने हेतु दिये आश्वासनों या घोषणाओं में पर्यावरण…