संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad
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रेल बजट

निजीकरण के बढ़ते कदम : सामाजिक उपक्रमों को बेचने में रेलवे मात्र शुरुआत है

दिल्ली, 17 जुलाई। भारतीय रेलवे को पूंजीपतियों के हाथ बेचने की जन-विरोधी सरकार की घोषणा के ख़िलाफ़ दिल्ली सहित देश के कई इलाको में प्रदर्शन हो रहे है और निगमीकरण व निजिकरण की जनविरोधी नीतियों को वापस लेने की माँग बुलंद हुई है। हिंदुस्तान की 70 प्रतिशत जनता अब भी रेलवे से ही सफर करती है। रेलवे ने इस देश में सतत विकास की ओर जीवन रेखा का काम किया है।…
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