संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad
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पहले पास्को, अब जिंदल : ढिंकिया के ग्रामीण अब भी अपनी जमीन बचाने के लिए सघर्षरत

उड़ीसा 3 फरवरी 2020। पास्को विरोधी आंदोलन के सदस्य  पोस्को से अपनी लड़ाई जितने के बाद फिलहाल जिंदल की जेएसडब्ल्यू कंपनी द्वारा प्रस्तावित पांच परियोजनाओं का विरोध कर रहे हैं। उनका दावा है कि जेएसडब्ल्यू द्वारा प्रस्तावित परियोजनाएं आवश्यक पर्यावरणीय मंजूरी के मानकों पर अधूरी हैं। सबरंग इंडिया से साभार रिपोर्ट जिसका हिंदी अनुवाद विभांशु केशव ने किया…
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शोषण-अन्याय, प्राकृतिक संसाधनों की लूट एवं भ्रष्टाचार के खिलाफ : 30 जिलों में जन…

उड़ीसा राज्य के विभिन्न जनसंघर्षों ने सूचना अधिकार अभियान की पहल पर गांधी जयंती के दिन 2 अक्टूबर 2011 से 4 नवंबर…

सिर मुड़ाते ही ओले पड़े : कर्नाटक राज्य में प्रस्तावित पोस्को संयंत्र स्थानान्तरित…

उड़ीसा में इस्पात संयंत्र लगाने की योजना के लगातार विरोध से आहत कोरियाई वैश्विक स्टील कम्पनी पोस्को को कर्नाटक में…

पोस्को कम्पनी को दी गयी वनभूमि के इस्तेमाल की इजाजत

पोस्को को हरी झण्डी: मामला आर्थिक-प्रौद्योगिकी-सामरिक महत्व का या कुछ और ? फैसले का आधार देश में मौजूद कानून या सरकार द्वारा नियुक्त समितियों और विशेषज्ञों की संस्तुति तथा स्थानीय लोगों की मांग नहीं बल्कि राज्य सरकार के प्रति ‘निष्ठा एवं विश्वास’। ‘पोस्को जैसी परियेाजनायें आर्थिक-प्रौद्योगिकी तथा  सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण’ अतएव…
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