जेपी कंपनी के कड़छम-वांगतू प्रोजेक्ट का बांध तोड़ने का आदेश, 5.19 लाख का जुर्माना
हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के भावानगर एसडीएम कोर्ट ने 19 मार्च को जेपी कंपनी की ओर से बनाए गए 1000 मेगावॉट के कड़छम-वांगतू प्रोजेक्ट के बांध के आधे निर्माण को तोड़ने के आदेश दिए हैं। बांध पर करीब 100 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। एसडीएम विवेक चौहान की अदालत ने प्रोजेक्ट के कड़छम स्थित बांध को अवैध पाया है। अदालत ने कंपनी को बांध तोड़ने के अलावा 5.19 लाख रुपए का जुर्माना देने के आदेश भी दिए हैं।
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ज्ञात रहे कि राजस्व विभाग ने दिसंबर 2010 में कंपनी के खिलाफ एडीएम कोर्ट भावानगर में मामला दायर कर बांध के निर्माण को अवैध बताया था।
बांध का आधे से ज्यादा हिस्सा अवैध तरीके से बनाया गया है। कंपनी ने साढ़े 12 बीघा भूमि में अवैध बांध निर्माण किया, उसके लिए न तो लीज ली गई है और न ही इसके लिए आवेदन किया गया है। ऐसे मे एसडीएम कोर्ट ने जेपी कंपनी के बांध के विवादित हिस्से को अवैध घोषित कर तोड़ने के आदेश दिए हैं। बांध सतलुज नदी में बना है।
अनुमति से ज्यादा बिजली पैदा की
कंपनी को 1000 मेगावॉट तक के प्रोजेक्ट निर्माण को अनुमति दी गई थी, जबकि इसमें करीब 1200 मेगावॉट तक बिजली पैदा हो रही है।
स्थानीय लोग शुरू से कर रहे थे विरोध
• लोग लगातार बांध के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे।
• कंपनी लोगों को उचित मुआवजा नहीं दे रही थी।
पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा था।
• क्षेत्र में पानी का संकट हो गया था।