मोदी के वाराणसी में पुल टूटा, गंगा गंदी किंतु विकास होगा किसानों से जबरन जमीन छीनकर
23 जुलाई, 2018 | वाराणसी, उत्तर प्रदेश: प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में प्रस्तावित 44 किलोमीटर लंबे रिंगरोड के लिए 26 गांव के किसानों की जमीन का जबरन अधिग्रहण किया जा रहा है। गांव के करीब 40 प्रतिशत किसान अपनी जमीन देना नहीं चाहते है फिर भी पुलिस के बल पर शासन किसानों की जमीन हड़पना चाहती है। शासन ने औने-पौने दाम तय करके 2015-16 में अधिग्रहण के लिए अधिसूचना जारी की थी। जिसका विरोध गांव के किसान व मजदूर शुरुआत से कर रहे है। बहुत से किसान ऐसे है जिनके पास केवल 4 या 5 बिस्वा जमीन है और अधिग्रहण के बाद भूमिहीन हो जायेंगे। कई खेतिहर किसान मजदूर का रोजगार छीन जाएगा।
ऐसे भी लोग है जिनका घर बार सब कुछ इस परियोजना में विलीन हो जाएगा, उनसे ना तो इसके लिए पूछा जा रहा है ना ही इसके लिए कोई मुआवजा या पुनर्वास की बात की जा रही है। यह सरासर भूमि अधिग्रहण कानून 2013 का उल्लंघन है जिसमें साफ-साफ प्रावधान है कि जिनका भी घर बार अधिग्रहण में उजड़ रहा है सबसे पहले उनके सहमति से लेकर पुर्नवास तक का कार्य किया जाये तथा उनको उचित मुआवजा दिया जाये उसके बाद ही अधिग्रहण की कार्यवाही की जाए। परन्तु मोदी और योगी सरकार इस कानून को न मानते हुए पुलिस के बल पर किसानों की जमीन का जबर्दस्ती अधिग्रहण करना चाहते है। किसान अब इस बात की मांग कर रहे हैं कि जब आज हमारी जमीन का अधिग्रहण हो रहा है तो हमे मुआवजा भी आज के हिसाब से मिलना चाहिए और केंद्रीय भूमि अधिग्रहण कानून के सभी प्रावधानों का अनुपालन हो। इस बात को लेकर पूर्वांचल किसान यूनियन के अध्यक्ष योगीराज सिंह पटेल के नेतृत्व में पिछले 6 महीने से किसानों का जबर्दस्त संघर्ष जारी है।
पिछले 2 दिन से हरपुर ग्राम पंचायत में प्रशासन द्वारा घेराबंदी कर दिया गया है और जबरन बिना कोई मुआवजा दिए किसानों की जमीन का सीमांकन शुरू हो गया है विरोध करने पर किसानों को जेल में डालने की धमकी दी जा रही है। इस रोड को बनाने में करीब 2500 किसानो की जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। जिसमे से करीब 800 किसानों ने उपजिलाधिकारी के यहाँ अपनी आपत्ति भी दर्ज करायी है। लेकिन उस पर भी कोई कार्यवाही नहीं हो रही है।करीब 20 प्रतिशत किसानों ने शासन के और पुलिसिया उत्पीड़न के डर से अपनी जमीन देने को तैयार हुए है, इसकी तुरंत जांच जरुरी है और बिना किसी भय के माहौल में सभी प्रक्रियाओं का फिर से क्रियान्वन होना चाहिए।