दयामनी बारला को बहुमत, जल जंगल जमीन पर हुकूमत !
झारखण्ड के खूंटी लोकसभा सीट पर जैसे जैसे मतदान की तारिख नजदीक आ रही है, खूंटी में चुनावी सक्रियता बढ़ती जा रही है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में फर्क भी बढ़ता जा रहा है। जहां एक ओर शहरी क्षेत्रों में झारखण्ड पार्टी, भाजपा और कांग्रेस ने झंडे और पोस्टरों से पूरा बाज़ार पाट दिया है, वहीँ दूसरी और आदिवासी बहुल ग्रामीण क्षेत्रों में ‘आप’ पार्टी की प्रत्याशी दयामनी बारला छोटी छोटी सभाओं और घर घर मुलाक़ातों के मार्फ़त अभियान में सक्रीय हैं। अभी तक दयामनी बारला को कोयल कारो जन आंदोलन, जिंदल-मित्तल विरोधी मंच, काँटी बांध विरोधी आंदोलन, तजना बांध विरोधी आंदोलन, रियरगाडा बांध विरोधी आंदोलन, सी पी आई, सीपीएम, भा क पा माले और महिला मंडलों का समर्थन हासिल हैं।
दयामनी बारला के साथ दो दिन चुनाव प्रचार में खूंटी लोकसभा क्षेत्र में रहे. इस दौरान कारपोरेट-सरकारी गठजोड आज जिस शातिर तरीके से उन सबकी आवाज़ चुप कराने में लगा है जो अपने आस-पास लोकतंत्र और लोगों के हक को लेकर बोलते हैं, इसकी ताज़ा मिसाल हैं दयामनी बारला. दयामनी जी ने अपने अनुभवों को हमसे साझा किया. हम यह बातचीत आपसे साझा कर रहे हैं:
जन आंदोलनों के लम्बे अनुभवों के बाद अब आपको राजनीति करने की जरुरत क्यों पड़ी ?
अभी तक तोरपा, तमाड़ और खूंटी, कोलेबिरा, सिमडेगा विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों में सघन प्रचार किया। इस दौरान दयामनी बारला भी साथ रहीं और कई महत्वपूर्ण जगहों पर छोटी बड़ी जन सभाओं का आयोजन हुवा। दिन भर नुक्कड़ सभाओं में सैकड़ों लोगों कि उपस्थिति में दयामनी बारला से आम ग्रामीणों ने अपनी समस्याओं से अवगत कराया। जिस पर दयामनी बारला ने कहा कि वे संघर्ष पर विश्वास रखती हैं, तथा चुनाव का नतीज़ा चाहे जो भी हो, लौट कर वे फिर सभी के साथ मिल कर समस्याओं को हल कराने का प्रयास करेंगी। नुक्कड़ सभाओं को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हम झारखण्ड वासी देश में सबसे आमिर हैं, लेकिन हमारे जल जंगल जमीन को सरकारों ने कंपनियों के हवाले कर दिया है। इस लूट के खिलाफ जो भी आवाज़ उठाता है उसकी आवाज़ को कुचल दिया जाता है. उन्होंने कहा कि सरकार ने हम आदिवासियो को कागज़ों पर, बार बार वायदे किए परंतु उन्हें कभी पूरा नहीं किया। उन्होंने कहा कि मै झारखण्ड के जल जंगल जमीन और संस्कृति बचाने की लड़ाई लड़ रही हूँ। उन्होंने आगे कहा कि मैं शहीद बिरसा मुंडा के सपनो को साकार करना चाहती हूँ।
वहीँ दूसरी ओर तोरपा-खूंटी विधान सभा क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों में दयामनी बारला के लिए कार्यकर्ताओं कि दूसरी टीम ने भी सघन जन संपर्क किया और होटोर, रामजय, तिरला,कुंजला, पिलुआ, बिचना, सरिदकेल, अंगराबारी, जापुद औरे आबा टोली आदि गॉव का दौरा कर दयामनी बारला के समर्थन में वोट मांगे।
ग्रामीण क्षेत्रों में दयामनी बारला के बढ़ते जनाधार से कई क्षेत्रीय दल अब पीएलफआई से कार्यकर्ताओं को धमकिया दिलवा रहें है.