जारी है अडानी की गुंडागर्दी :16 बीघा खड़ी फसल पर चलवाई जे.सी.बी.
-आदित्य गुप्ता
झारखण्ड के गोड्डा जिले के पोड़ैयाहाट थाना क्षेत्र के माली गांव में 16 बीघा में लगे धान की फसल को जेसीबी से अदानी पावर प्लांट द्वारा आदिवासी रैयतों के जमीन पर लगे धान की फसल को जेसीबी द्वारा बर्बाद कर दिया गया तथा दर्जनों पेड़ उखाड़ दिए गए । यह घटना 31 अगस्त 2018 की है। ग्रामीणों के समक्ष साल भर के खाने की समस्या पैदा हो गई है । महिलाओं का रो रो कर बुरा हाल है। घटना को देखने जो कुछ कोई भी जाता है महिलाएं दहाड़ मार कर रोने लगती है पैर पकड़कर रोने लगती है कि किसी तरह हमारा जमीन छोड़वा दो । गांव में दो दिन से किसी के घर में चूल्हा नहीं जला है। ग्रामीणों में इस बात को लेकर काफी आक्रोश है ।
घटना के संबंध में ग्रामीण मैनेजर हेंब्रम ने बताया कि हम लोगों ने अडानी को जमीन नहीं दिया है ना ही हम लोगों को किसी तरह का नोटिस दिया गया है। 4 दिन पहले तक बोला गया कि तुम लोग का जमीन नहीं लेंगे । एकाएक शुक्रवार के दोपहर से सैकड़ों की संख्या में पुलिस लेकर आ कर हम लोगों का लगा हुआ धान को जेसीबी से बर्बाद कर दिया गया । पेड़ उखाड़ दिया गया और जोर जबरन जमीन को घेरने का प्रयास किया जा रहा है। वही भगत हेंब्रम ने कहा कि हम लोगों ने इसको लेकर उपायुक्त को कई बार आवेदन दिया है। एसपी पर फोन से बात किया वो बोलता है थाना में जाकर बात करो ।थाना को फोन करते हैं तो थाना हम लोगों का बात नहीं सुनता है अडानी का ही बात सुनता है। ऐसे में हम लोग क्या करें हम लोग जान दे देंगे लेकिन जमीन किसी भी शर्त पर जाने नहीं देंगे। गांव में तनाव व्याप्त है। अडानी के लोग गांव जाते हैं पुलिस बल के साथ सारा गांव इकट्ठा हो जाता है।
क्या है मामला: पोड़ैयाहाट थाना क्षेत्र के माली मौजा में जमाबंदी नंबर 42 में 16 बीघा 16 कट्ठा 7 धुर जमीन ग्रामीणों ने अदानी पावर प्लांट को नहीं दिया है। ना ही इन लोगों ने किसी भी प्रकार में बैठक में भाग लिया। इस संबंध में ग्रामीणों ने राज्यपाल, मुख्यमंत्री, उपायुक्त, भू-अर्जन पदाधिकारी, अंचलाधिकारी सहित तमाम पदाधिकारियों को इसकी लिखित जानकारी भी दी है। इन जमीनों पर रैयतों ने धान रोपा है । धान रोपने के बाद अदानी पावर प्लांट द्वारा धान को बर्बाद कर दिया गया जिसको लेकर ग्रामीणों में आक्रोश है।
अदानी पावर प्लांट के अधिकारियों का कहना है कि उनके पास सरकार द्वारा जिला प्रशासन का एलपीसी है और उसी एलपीसी के तहत जमीन पर कब्जा करने वे लोग जाते हैं । वे लोग गैर कानूनी काम नहीं कर रहे हैं बल्कि भूमि अधिग्रहण कानून के तहत जो जमीन सरकार ने अधिकृत की है ।उसे जमीन पर हम लोग अपना दावा कर रहे हैं । ऐसे में ग्रामीणों को चाहिए कि जमीन को स्वेच्छा से खाली कर दे ।
(आदित्य गुप्ता apnagodda.com से जुड़े है )