हरियाणा में खट्टर सरकार की हिटलरशाही : निजीकरण का विरोध कर रहे बिजलीकर्मियों पर एस्मा
हरियाणा सरकार ने बिजली कर्मियों की दो दिन की हड़ताल की घोषणा के बाद राज्य में छह महीने के लिए एस्मा लगा दिया है। इससे प्रदेश में किसी तरह की हड़ताल करने पर रोक लगा दी गई है। दूसरी ओर, हरियाणा ज्वाइंट एक्शन कमेटी (पॉवर) ने घोषणा की है कि एस्मा के बावजूद बिजलीकर्मियों की 29 और 30 जून को प्रस्तावित हड़ताल होकर रहेगी।
बिजली कर्मचारी संगठनों से वार्ता विफल रहने पर राज्य सरकार न उठया कदम
राज्य सरकार ने एस्मा लगाने का कदम बिजली कर्मियों से समझौता वार्ता विफल रहने के बाद उठाया है। बृहस्पतिवार और शुक्रवार सुबह अाला अधिकारी बिजली कर्मचारी संगठनाें के नेताओं से बातचीत हुई, लेकिन इसमें कोई नतीजा नहीं निकल सका। बृहस्पतिवार को हड़ताल पर अड़े बिजली कर्मचारियों के साथ प्रबंध निदेशकों की तीन अलग-अलग समझौता वार्ताएं फेल हो गई थी। शुक्रवार को भी कर्मचारी नेतााअों के साथ वार्ता हुई, लेकिन यह भी विफल रही।
बिजली निगमों के प्रबंध निदेशकों ने हरियाणा ज्वाइंट एक्शन कमेटी (पावर) के नेताओं से 29 व 30 जून की हड़ताल वापस लेने का आग्रह तो किया, लेकिन 23 सब डिविजन को निजी हाथों में सौंपने के फैसले पर सरकार द्वारा पुनर्विचार किए जाने का कोई भरोसा नहीं दिलाया। ऐसे में समझौता वार्ताएं सिरे नहीं चढ़ पाई।
हरियाणा ज्वाइंट एक्शन कमेटी के नेता देवेंद्र सिंह हुड्डा, कंवर सिंह यादव और सुभाष लांबा का कहना है कि बिजली महकमा मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पास है। उनके प्रतिनिधि के तौर पर बिजली विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजन गुप्ता को 29 व 30 जून की हड़ताल का नोटिस दिया गया था, लेकिन न तो गुप्ता ने बातचीत की पहल की और न ही मुख्यमंत्री ने हड़ताल खत्म कराने में रुचि दिखाई। वहीं जिन प्रबंध निदेशकों ने बातचीत की, उन्हें नीतिगत मुद्दों पर फैसले लेने का कोई अधिकार ही नहीं था।
पहले हो गई थी एस्मा लगाने की तैयारी
बिजली कर्मचारियों की हड़ताल के मद्देनजर राज्य सरकार ने बृहस्पतिवार को आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) लगाने की तैयारी कर ली थी। एस्मा लगाए जाने के बाद कोई कर्मचारी हड़ताल पर नहीं जा सकता। बिजली निगम की ओर से इस संबंध में पहले ही प्रस्ताव सरकार को भेज दिया गया था।
हरियाणा ज्वाइंट एक्शन कमेटी (पावर) के प्रतिनिधिमंडल की बृहस्पतिवार को उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम के प्रबंध निदेशक नितिन यादव, दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के प्रबंध निदेशक अरुण वर्मा और हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम के प्रबंध निदेशक रामाराव के साथ अलग-अलग बैठकें हुई। प्रतिनिधिमंडल में एक्शन कमेटी की ओर से देवेंद्र हुड्डा, कंवर सिंह यादव, सुभाष लांबा, नरेश कुमार, बाल कुमार, वेद प्रकाश शर्मा, एनपी सिंह चौहान, आजाद पूनिया और रामपाल मलिक शामिल हुए।
196 ठेका कर्मचारियों को नौकरी से निकाला
बिजली निगमों के प्रबंध निदेशकों की बातचीत के चलते-चलते हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम ने 196 ठेका कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया। दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के 127 ठेका कर्मचारियों को पहले ही हटाया जा चुका है।
10 हजार ठेका कर्मचारियों को हड़ताल में शामिल नहीं होने के नोटिस दिए गए हैं। जिन 7471 ठेका कर्मचारियों को हटाया गया था, उस आदेश के अनुपालन पर सर्व कर्मचारी संघ के विरोध के बाद रोक लग गई थी। वहीं अब भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि यदि वे हड़ताल में शामिल हुए तो बिना कारण बताए हटा दिए जाएंगे। बिजली विभाग में 30 हजार कर्मचारी हैैं, जिनमें कच्चे कर्मचारियों की संख्या 12 हजार है।
साभार : जागरण