संघर्ष संवाद
Sangharsh Samvad

बलिया: नदी कटाव से प्रभावित लोग करेंगे अनिश्चितकालीन धरना

उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में नदी कटाव से हर वर्ष प्रभावित होने वाले लाखों लोगों की आवाज़ और परेशानियों को शासन-प्रशासन तक पहुँचाने के लिए ‘नदी कटान खेती व गांव बचाओ संघर्ष समिति, बलिया’ ने 4 फरवरी से अनिश्चितकालीन धरना का आह्वान किया है और प्रभावित जिलों की जनता से इसमें शामिल होने की अपील किया है:-

नदी कटान क्षेत्र के लोगों से अपील

अनिश्चितकालीन धरना

पंचायत भवन सुल्तानपुर (मनियर), बलिया
दिनांक 04 फरवरी 2025 समय 11 बजे दिन से

प्रिय सम्मानित नागरिक बन्धुओं,

हर साल नदी कटान से जिले में लाखो की संख्या में जनता प्रभावित होती है। घाघरा नदी कटान से सिकन्दरपुर तहसील के खरीद, पुरूषोत्त्मपट्टी, जिन्दापुर, बिजलीपुर, निपनिया, बहदुरा से लेकर बांसडीह तहसील के कोटवों, खादीपुर, सुल्तानपुर, मल्लाहीचक, भोजपुरवा, किर्तुपुर, चाँदपुर आदि दर्जनों गाँवों के खेत व मकान नदी में समाहित हो चुके हैं।

आज भी टिकुलिया दियर भोजपुरवा के दर्जनों परिवार कटान से विस्थापित होकर जमीन, आवास और पूर्नवास के न होने के कारण उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सुल्तानपुर में शरण लिए हुए, जहाँ से खदेड़ने के लिए विद्यालय प्रशासन की तरफ से लगातार दबाव बनाया जा रहा है।

कटान पीड़ितों द्वारा जिलाधिकारी के समक्ष दिनांक 16 अक्टूबर 2024 से अनिश्चितकालीन धरना दिया गया था जोकि जिला प्रशासन के द्वारा समस्याओं के समाधान हेतु आश्वासन देने पर तीसरे दिन यानि 18 अक्टूबर 2024 को धरना समाप्त हुआ था लेकिन जिलाप्रशासन और सम्बंधित बाढ़ विभाग द्वारा आश्वासन देने के बाद भी  ठोस कार्यवाही करने के लिए अभी तक कोई पहल नहीं किया है।

शासन स्तर पर आन्दोलन करने का भी कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। ऐसी स्थिति में व्यापक जनता की जन-गोलबंदी के ताकत के बल पर आन्दोलन करने के सिवाय कोई दूसरा विकल्प नहीं है।

नदी कटान खेती एवं गाँव बचाओ संघर्ष समिति द्वारा कटान पीड़ितों की समस्याओं के सामाधान हेतु शासन, प्रशासन, जनप्रतिनिधियों के समक्ष आवाज उठाने के लिए पंचायत भवन सुल्तानपुर पर 4 फरवरी 2025 से अनिश्चितकालीन धरना चलाने का फैसला लिया गया है। आईए खेत, गाँव, मकान और जीवन बचाने के लिए पुनः लड़ाई शुरू करें और लड़ाई को जीत के मंजील तक पहुंचायें।

हमारी माँगें –

1. घाघरा-गंगा नदी कटान का स्थाई समाधान करने के लिए पक्के तटबंध और ठोकर निर्माण शीघ्र कराया जाय।

2. घाघरा-गंगा नदी कटान से जिन गरीबों, मजदूरो, किसानों का मकान और खेती नदी में विलीन हो गयी है उन मजदूरों, किसानों, गरीबों को सरकारी सर्किल रेट के अनुसार भूमि के कीमत के बराबर मुआवजा दिया जाय या  पर्याप्त मुआवजा तब तक दिया जाय जब तक कि उनकी भूमि जोतने बोने योग्य नहीं हो जाती है।

3.घाघरा-गंगा नदी कटान से प्रभावित गांवों के सभी मजदूरों, किसानों, गरीबों का स्वयं सहायता समूह, फसली ऋण, नीजि फाईनेन्स कम्पनीयों के कर्जे सहित सभी प्रकार के कर्जे माफ किया जाय।

4. घाघरा-गंगा नदी कटान पीड़ितों का बिजली बिल माफ़ किया जाय।

5.कटान प्रभावित गाँवों के सभी लोगों के आजीविका के लिए रोजगार की गारंटी की जाय।

6. घाघरा-गंगा नदी कटान से जिस गाँव के लोगों के घर और खेती नदी में विलीन हो गयी है, उन सभी लोगों के पूनर्वास के लिए जमीन का पट्टा दिया जाय, जमीन उपलब्ध करायी जाय। जिन कटान पीड़ितो के मकान नदी में गिर चुका हैं  उन्हे उसका मुआवजा दिया जाय।

7.सेतु निर्माण में शासन द्वारा अतिरिक्त खरीद-दरौली सेतु में 9 पिलड़ और चाँदपुर सेतु में 25 पिलर बढ़ाया गया है उसे वापस लिया जाय तथा तैयार पिलर तक गाइड बन्ड बनाकर पक्का एप्रोच का निर्माण करके तत्काल सेतु निर्माण पूरा किया जाय। नदी को मूल धारा में लाने के लिए गाद, सिल्ट साफ करके गहरा किया जाय।

8. खरीद-दरौली और चाँदपुर सेतु निर्माण में भ्रष्टाचार अनियमितता के कारण हुए तीव्र कटान की जांच कराकर
दोषियों को अविलम्ब सजा दी जाय।

9. उन सभी गांवों के लोगों को,जिनकी जमीन नदी में समाहित हो गयी है उन्हें जमीन गिरने का तत्कालिक मुआवजा या राहत राशि उपलब्ध करायी जाय, जैसा कि बांसडीह तहसील के सुल्तानपुर तपा बांसडीह के प्रभावित लोगों को उपलब्ध कराया गया है।

निवेदक – नदी कटान खेती व गांव बचाओ संघर्ष समिति, बलिया

 

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