प्रस्तावित खाद्य सुरक्षा क़ानून धोखा है
रायगढ़ के पांच ब्लाकों में हुए पांच दिवसीय अभियान ने साफ़ कर दिया कि लोगों को पता ही नहीं था कि सरकार ऐसा कोई क़ानून बनाने जा रही है। लोगों को यह जान कर धक्का लगा कि सरकार ऐसा जन विरोधी कानून भी बना सकती है, कि भूख के सवाल पर राजनीति कर सकती है।
सामाजिक कार्यकर्ता राजेश त्रिपाठी ने कहा कि ऊर्जा संयंत्र, खदान, बांध और अभ्यारण्य के नाम पर सरकार अनुसूची 5 के तहत आनेवाली भूमि का जबरिया अधिग्रहण कर रही है। इसके लिए ग्राम सभा की अनुमति की शर्त को भी दरकिनार किया जा रहा है। इससे खेती की ज़मीन लगातार कम होती जा रही है। पेयजल के स्रोतों को भी उद्योगों के हवाले किया जा रहा है। दूसरी तरफ सरकार खाद्य सुरक्षा का भी नारा उछाल रही है।